लालकिला मैदान पर आत्मदाह की चेतावनी से जागा पीएमओ
बड़ौत (बागपत): झाड़ियों में पड़ी नवजात बच्ची को बचाने के बाद बाल कल्याण अधिकारी से अपमानित पं. जगदीश शर्मा ने प्रशासन को आत्मदाह करने की चेतावनी दी है। पीएमओ ने मामले में प्रदेश के मुख्य सचिव को कार्रवाई का आदेश दिया है।
बड़ौत (बागपत): झाड़ियों में पड़ी नवजात बच्ची को बचाने के बाद बाल कल्याण अधिकारी से अपमानित शहरवासी जगदीश शर्मा के प्रधानमंत्री कार्यालय में तीन बार शिकायती पत्र देने और एक बार धरना देने के बाद कार्रवाई नहीं हुई तो उन्होंने इस बार गणतंत्र दिवस पर लालकिला मैदान में आत्मदाह करने की चेतावनी दी है। इस पर गंभीर प्रधानमंत्री कार्यालय ने प्रदेश के मुख्य सचिव को पूरे मामले की जांच कर कार्रवाई के लिए पत्र लिखा है।
कांशीराम कालोनी, निकट औद्योगिक पुलिस चौकी निवासी जगदीश प्रसाद शर्मा ने बताया कि आठ सितंबर-2017 को दिल्ली-सहारनपुर हाईवे पर झाड़ियों में एक नवजात मिली थी। उसने बच्ची को अस्पताल में भर्ती कराया और कोतवाली में लिखित जानकारी दी। समाचार पत्र में खबर प्रकाशित होने के बाद बाल कल्याण अधिकारी उनके घर पहुंचीं और इसी मामले को लेकर भीड़ के सामने उन्हें अपमानित किया। इस पर उन्होंने 28 दिसंबर-2017, 24 अप्रैल और 25 जून-2018 को इस मामले में कार्रवाई के लिए प्रधानमंत्री कार्यालय में शिकायती पत्र भी दिए और एक बार कार्यालय के बाहर धरना भी दिया, लेकिन कार्रवाई नहीं हुई।
वह एक जनवरी को प्रधानमंत्री कार्यालय में पहुंचे और शिकायती पत्र देकर कहा कि तीन बार मांग करने के बावजूद न तो जांच हुई और न कार्रवाई। 25 जनवरी तक कार्रवाई न हुई तो 26 जनवरी को वह लालकिला मैदान में आत्मदाह करने को मजबूर होंगे।
बाल कल्याण अधिकारी को जांच में बचा रहे अफसर जिला प्रोबेशन अधिकारी बागपत ने इस मामले में जांच रिपोर्ट डीएम के पास भेज दी है, जिसमें उन्होंने उल्लेख किया है कि बाल कल्याण समिति के अध्यक्ष ने फोन पर सूचना दी कि आठ सितंबर-2017 को आस्था अस्पताल बड़ौत के पास झाड़ियों में नवजात बच्चा मिला है, बाल संरक्षण अधिकारी ने महिला हेल्प लाइन टीम के साथ पुलिस के माध्यम से बच्ची को सुपुर्दगी में लेकर डीएम के निर्देश पर जिला अस्पताल में भर्ती कराया। बच्चे का स्वास्थ्य प्रमाण पत्र लेने के बाद बाल कल्याण समिति के समक्ष पेश किया गया। कल्याण समिति के आदेश पर बच्ची को 25 अक्टूबर-2017 को राजकीय बाल गृह शिशु आगरा में अधीक्षिका की सुपुर्दगी में बच्ची को दिया गया। बाल संरक्षण अधिकारी दीपांजली का कहना है कि जगदीश प्रसाद से पुलिस के माध्यम से बच्ची को अपनी सुपुर्दगी में लेने के बाद उनसे संपर्क नहीं हुआ।