विक्रम हत्याकांड: मुख्यमंत्री के सामने मां-बहन का हंगामा
नगर में इसी साल अप्रैल माह में हुए विक्रम हत्याकांड का सही राजफाश कराने की मांग को लेकर विक्रम की मां और बहन ने मुख्यमंत्री के सामने हंगामा कर दिया। इस दौरान महिला पुलिसकर्मी दोनों को धकलते हुए बाहर ले गई।
बागपत, जेएनएन। नगर में इसी साल अप्रैल माह में हुए विक्रम हत्याकांड का सही राजफाश कराने की मांग को लेकर विक्रम की मां और बहन ने मुख्यमंत्री के सामने हंगामा कर दिया। इस दौरान महिला पुलिसकर्मी दोनों को धकेलते हुए बाहर ले गई। हंगामा बढ़ता देख गन्ना मंत्री ने दोनों की समस्या सुनी और कार्रवाई कराने का आश्वासन दिया। उधर, एडीजी ने कहा कि इस घटना की सीबीसीआइडी जांच की संस्तुति कराई जाएगी। एसपी ने बताया कि उन्होंने इस मामले की सीबीसीआइडी जांच कराने की संस्तुति करते हुए संबंधित रिपोर्ट शासन को भेज दी है।
रमाला चीनी मिल में सोमवार को जैसे ही मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ मंच पर पहुंचे तो वहां महिलाओं के बीच में बैठी विक्रम की बहन आशा देवी और मां कमला देवी अचानक हाथ में ज्ञापन लेकर खड़ी हो गर्इं और मुख्यमंत्री से घटना के सही राजफाश कराने की मांग करने लगीं। यह देख वहां मौजूद पुलिस घबरा गई। महिला पुलिसकर्मियों ने दोनों को बाहर निकालना चाहा, लेकिन वे नहीं मानीं। जबरदस्ती करने पर वे पुलिस के साथ हाथापाई करने लगीं।
आशा देवी के मुंह किसी का नाखून लग गया, जिससे थोड़ा खून भी निकल आया। लगभग पांच मिनट तक हंगामा होता देख मुख्यमंत्री ने मंच से गन्ना मंत्री सुरेश राणा को महिलाओं के पास भेजा। सुरेश राणा ने बीच-बचाव कराकर दोनों महिलाओं की समस्याएं सुनी और उनका ज्ञापन लिया। साथ ही महिलाओं को मुख्यमंत्री को मामले से अवगत कराने का आश्वासन दिया।
इस मामले में एडीजी प्रशांत कुमार ने बताया कि विक्रम हत्याकांड का सही राजफाश हुआ है, जिसमें लूट का सामान भी बरामद हुआ है, लेकिन विक्रम के परिजन हत्याकांड के राजफाश से संतुष्ट नहीं हैं। स्थानीय पुलिस इस केस की सीबीसीआइडी के लिए संस्तुति कर देगी और सरकार इस पर फैसला लेगी। गौरतलब है कि 30 अप्रैल को नगर में बावली रोड पर हैवेल्स शोरूम में डकैती की वारदात हुई थी, जिसमें कर्मचारी विक्रम की हत्या हो गई थी। पुलिस ने घटना का राजफाश कर नौ आरोपितों को गिरफ्तार कर लूट की रायफल आदि बरामद कर लिया था। इस घटना में विक्रम का भाई अजय भी शामिल था। वह अभी फरार चल रहा है। विक्रम के परिजन इस घटना का राजफाश फर्जी मान रहे हैं।