राग-रंग के पर्व में न घुले वैमनस्यता की कालिख
राग रंग का त्योहार होली कई संस्कृतियों परंपराओं और रीतियों का संगम है। शरद ऋतु के बाद बंसत का आगमन हर तरफ हरियाली और रंग-बिरंगे फूलों की अनोखी छटा बिखर जाती है। ऐसी ही मधुर बेला में रंगोत्सव होली का जश्न आपसी सौहार्द और भाईचारे के साथ मनाया जाए तभी इस पर्व की प्रासंगिकता सार्थक होगी। बहरहाल आपसी भाईचारे के इस पर्व में वैमनस्य की कालिख ने घुलने दें और राग-रंग के इस पर्व को पुरातन परपंराओं के साथ हर्षोल्लास से मनाएं। भारत स्वाभिमान न्याय की जिलाध्यक्ष और आयुर्वेदाचार्य डा. सुनीता जैन होली पर विशेष एहतियात बरतने की सलाह दे रही हैं।
संवाद सहयोगी, बड़ौत (बागपत): राग-रंग का त्योहार होली कई संस्कृतियों, परंपराओं और रीतियों का संगम है। शरद ऋतु के बाद बंसत का आगमन, हर तरफ हरियाली और रंग-बिरंगे फूलों की अनोखी छटा बिखर जाती है। ऐसी ही मधुर बेला में रंगोत्सव होली का जश्न आपसी सौहार्द और भाईचारे के साथ मनाया जाए, तभी इस पर्व की प्रासंगिकता सार्थक होगी। बहरहाल, आपसी भाईचारे के इस पर्व में वैमनस्य की कालिख ने घुलने दें और राग-रंग के इस पर्व को पुरातन परपंराओं के साथ हर्षोल्लास से मनाएं। भारत स्वाभिमान न्याय की जिलाध्यक्ष और आयुर्वेदाचार्य डा. सुनीता जैन होली पर विशेष एहतियात बरतने की सलाह दे रही हैं।
इन बातों का रखें ख्याल
होली खेलते समय आंखों, कानों व मुंह पर रंग न डालें।
केवल माथे पर हर्बल गुलाल का तिलक लगाएं या फिर गालों पर भी हल्का गुलाल लगाया जा सकता है।
होली खेलने से पूर्व शरीर पर सरसों का तेल आदि रगड़ लें, इससे स्किन रोग होने का खतरा काफी हद तक कम हो जाता है।
टिस्यू के फूल को गर्म पानी में उबाल लें और हल्के गुनगुने पानी से ही होली खेलें। इससे स्वास्थ्य पर कोई दुष्प्रभाव भी नहीं पड़ेगा और सर्दी लगने का खतरा भी कम होगा।
किसी के ऊपर केमिकल वाला, तेजाब या कांच वाला रंग न लगाएं, इससे सामने वाले को भारी नुकसान उठाना पड़ सकता है।
बरतें एहतियात
यदि किसी की आंख में रंग गिर गया है तो वह तुरंत ठंडे पानी से धोएं।
किसी ने तेजाब आदि डाल दिया है तो तुरंत चिकित्सक के पास जाएं।
यदि किसी को खुजली या एलर्जी है तो वह रंगों से दूर रहें।
बच्चों को लगातार खांसी हो रही है तो उसे पानी पिलाएं।