दिव्यांग को ट्राइसाइकिल देकर तंत्र को दिखाया आईना
बागपत : दिव्यांग की बेबसी को देख सरकारी तंत्र की आंख भले ही न खुली, लेकिन बावली निवासी बॉबी
बागपत : दिव्यांग की बेबसी को देख सरकारी तंत्र की आंख भले ही न खुली, लेकिन बावली निवासी बॉबी ने ट्राइसाइकिल देकर असारा निवासी दिव्यांग अमित की राह आसान कर दी है। ट्राइसाइकिल मिलते ही दिव्यांग की खुशी का ठिकाना नहीं रहा।
दैनिक जागरण के 22 जनवरी के अंक में लकवाग्रस्त सिस्टम, कैसे चले अमित? शीर्षक से खबर प्रकाशित होने पर बावली गांव निवासी बोबी ट्राइसाइकिल खरीदकर लाए, लेकिन दिव्यांग अपने गांव असारा में नहीं मिला। बोबी ने ट्राइसाइकिल देने को दो दिन तक ईंट भट्ठों पर उन्हें ढूंढ़ा, फिर लधवाड़ी गांव के ईंट भट्ठे पर जाकर ट्राइसाइकिल दी। युवक अमित बचपन से दोनों पैरों से दिव्यांग है। परिवार की माली हालत अच्छी नहीं है। मजदूरी करने के अलावा कमाई का कोई जरिया नहीं है। अमित अपने भाई संग ईंट-भट्ठे पर मजदूरी करता है। भाई गारा बनाकर देता है, तब वह घिसटकर ईंट पथाई करता है। साल 2015 में दिव्यांगजन कल्याण विभाग में फरियाद की, लेकिन तीन साल से चक्कर लगाने के बावजूद ट्राइसाइकिल नहीं मिली। 20 जनवरी को विकास भवन स्थित दिव्यांगजन विभाग आया, लेकिन मायूस होकर लौटना पड़ा। बोबी ने दिव्यांग को ट्राइसाइकिल देकर सरकारी तंत्र को आईना दिखाने का काम किया है।