भूखे नहीं सोएंगे जनाब..रोटी खाने को मिलेगा कर्ज
जागरण संवाददाता, बागपत: यदि कोई परिवार इतनी विषम परिस्थिति में फंसा है कि भूखा सोने को मज
जागरण संवाददाता, बागपत:
यदि कोई परिवार इतनी विषम परिस्थिति में फंसा है कि भूखा सोने को मजबूर है या दवाई बिना मरीज का दम फूल रहा तो हैंड-टू-हैंड कर्ज मिलेगा। वह भी बिना औपचारिकता पूरी किए। यह शानदार पहल हुई राष्ट्रीय आजीविका मिशन से। इसका फायदा बागपत की 245 ग्राम पंचायतों के उन गरीबों को मिलेगा, जो कई बार बच्चों का पेट भरने को चूल्हा गर्म नहीं कर पाते।
राष्ट्रीय आजीविका मिशन में गठित पांच महिला स्वयं सहायता समूह पर ग्राम संगठन होता है। ग्राम संगठन को अधिकार दिया गया कि गांव में किसी परिवार के सदस्यों के पास खाने को रोटी नहीं। दवा नहीं खरीद पाने के कारण कोई मरीज तड़प रहा है। किसी घर में ठंड से बचने को लिहाफ-कंबल नहीं है अथवा तन ढकने को कपड़ा नहीं तो संबंधित परिवार को वर्नेबल रिवा¨ल्वग फंड से 1500 रुपये कर्ज देगा। मकसद है संकटग्रस्त परिवार को फोरी राहत देना। माली हालत सुधरने पर कर्ज लौटाना पड़ेगा। अब तक 64 परिवारों को यह कर्ज दिया गया है।
कर्ज देने को ट्रे¨नग
सीडीओ पीसी जायसवाल और स्वत: रोजगार उपायुक्त हुब लाल ने वर्नेबल रिवा¨ल्वग फंड जरुरतमंदों तक पहुंचाने को आजीविमा मिशन के जिला समन्वयकों ओर ब्लाक प्रबंधकों को गत दिवस ट्रे¨नग दी है। अब ब्लाकवार ग्राम संगठनों और महिला स्वयं सहायता समूहों की सदस्यों को ट्रे¨नग देकर कर्ज देने व वसूली के गुर सिखाए जाएंगे।
ये है मिशन
राष्ट्रीय आजीविका मिशन में दस महिलाओं का एक समूह गठित कराकर स्टार्टअप फंड, रिवा¨ल्वग फंड व कम्युनिटी इनवेस्टमेंट फंड से 1.30 लाख रुपये दिए जाते हैं। पांच लाख रुपये की बैंक क्रेडिट लिमिट बनवाई जाती है, ताकि स्वरोजगार में आर्थिक तंगी आड़े न आए। बागपत में तीन हजार से ज्यादा महिला स्वयं सहायता समूह गठित हैं।
इन्होंने कहा..
राष्ट्रीय आजीविका मिशन से उन्हें 1500 रुपये कर्ज देने की व्यवस्था है, जो भूखे सोने को मजबूर हैं या दवा नहीं खरीद पा रहे हैं।
-पीसी जायसवाल, सीडीओ।