मूसलधार बारिश से खेकड़ा जलमग्न
खेकड़ा (बागपत): गुरुवार शाम को अचानक मौसम के बदलने से आसमान में छाए काले बादल तेज बौछार
खेकड़ा (बागपत): गुरुवार शाम को अचानक मौसम के बदलने से आसमान में छाए काले बादल तेज बौछार करने लगे। करीब पौना घंटा हुई मूसलधार बारिश से मुख्यमार्ग के साथ गली मोहल्लों में भी पानी पानी दिखने लगा। बारिश का पानी सड़कों पर आने से वाहन पानी में डूबे तो चलते वाहन पानी भरने से बंद हो गए। बारिश के पानी से राहगीरों को आवागमन में काफी परेशानी झेलनी पड़ी। बारिश बंद होने के करीब घंटा भर बाद पानी उतरा तो नगर में आवागमन सामान्य हो सका। बाजार पुलिस चौकी के पास कई दुकानों में पानी भरने से मालिकों का नुकसान हुआ है। वहीं बारिश से खेतों में पानी आने से किसानों के चेहरों पर रौनक दिखी। किसानों का कहना है कि कई दिनों से हो रही बारिश से फसलों को काफी फायदा होगा। तहसील के संपर्क मार्गों पर जलभराव होने से राहगीर परेशान रहे। टूटे मार्गों का निर्माण कराने की मांग ग्रामीणों ने निर्माण विभाग से की है।
जेल से पानी निकासी नहीं होना बीमारियों का कारण
संवाद सहयोगी, खेकड़ा: जिला जेल से गंदे पानी की निकासी व्यवस्था नहीं होने के कारण बीमारियां हर वक्त पैर पसारे रहती हैं। पता होने के बाद भी प्रशासन बंदियों की सेहत के प्रति सचेत होकर निकासी की व्यवस्था नहीं करा रहा है।
जिला मुख्यालय से तकरीबन 18 किलोमीटर दूर जंगल में स्थित बागपत जेल आने जाने के लिए कोई खास व्यवस्था नहीं है। इतना ही नहीं, जेल में बंदियों को भी अन्य जेलों के सापेक्ष कोई सुविधा नहीं मिलती है। जेल में करीब 850 बंदी है जो रोजाना हजारों लीटर पानी प्रयोग करते हैं। जेल में प्रयोग होने वाली पानी की निकासी की भी कोई उचित व्यवस्था नहीं हैं। पास के खेत मालिक के भरोसे ही पानी निकासी होती है। महीनों पूर्व खेत मालिक ने भी जेल से आने वाले गंदे पानी को भी रोक दिया था। अभी गंदा पानी आसपास ही भरा रहने से जेल में बीमारी पैर पसारे हुए है। दर्जनों बंदी बुखार व अन्य संक्रामक रोगों की जद में हैं। प्रशासनिक अधिकारियों को पानी निकासी नहीं होने के बारे में पूर्ण जानकारी पर आज भी निकासी को कोई कदम नहीं उठाया जा रहा है। जेल अधिकारियों संग बंदी भी जिला प्रशासन से गंदे पानी को निकासी व्यवस्था की मांग कर चुके हैं। पत्राचार के बाद भी निकासी व्यवस्था न होने से बंदियों में आक्रोश है।
डिप्टी जेलर सुरेश बहादुर ¨सह ने बताया कि प्रशासन से शासन तक पत्र भेजे गए हैं परंतु निदान नहीं हो रहा है। दोबारा फिर पत्राचार किया जाएगा।
तालाब पर अतिक्रमण, घर और स्कूल में भरा पानी
संवाद सूत्र, चांदीनगर :पांची चौराहे के पास स्थित तालाब का रकबा करीब 13 बीघा था, लेकिन ग्रामीणों के अतिक्रमण करने से अब तालाब चंद बीघा में सिमटकर रह गया है। कई लोग तालाब की जमीन पर अवैध मकानों का भी निर्माण कर चुके हैं। सालों से सफाई न होना, अतिक्रमण के चलते अब तालाब का गंदा पानी पास में स्थित प्राइमरी स्कूल के साथ घरों में भी घुसने लगा है। बारिश के मौसम में तो तालाब के आसपास रहने वाले लोगों का जीना मुहाल हो जाता है। ग्रामीण कई बार एंटी भूमाफिया टीम से तालाब की जमीन को कब्जा मुक्त कराने को शिकायत कर चुके हैं। गत दिनों टीम ने अवैध मकानों को चिन्हित किया था परंतु टीम के निष्क्रिय होने से अतिक्रमण बदस्तूर जारी है। क्षुब्ध ग्रामीणों ने प्रशासन के खिलाफ प्रदर्शन कर डीएम ने तालाब को अतिक्रमण मुक्त कराने की मांग की है। विनोद त्यागी, देवेंद्र त्यागी, मंगल, तिलकराम, सुनील, योगेश, मुकेश, जयवीर, राकेश व अनिल आदि शामिल रहे।