बागपत के बरनावा के डेरे में गुरमीत राम रहीम के चेले भी करते थे दरिंदगी
बागपत की 62 वर्ष की महिला के आरोप रूह कंपा देने वाले हैं। पीडि़त महिला के मुताबिक, 27 वर्ष पहले डेरा सच्चा सौदा के सेवादारों ने उसके साथ दुष्कर्म का प्रयास किया था।
बागपत (जेएनएन)। हरियाणा के सिरसा के डेरा सच्चा सौदा प्रमुख गुरमीत राम रहीम को तो यौन शोषण के मामले में बीस वर्ष कैद की सजा मिल गई है, लेकिन दरिंदगी करने वाले उसके चेले आज भी बाहर हैं। बागपत में बरनावा के डेरे के गुरमीत राम रहीम के चेलों की करतूत भी सामने आने लगी है। इनमें से अधिकांश दुष्कर्मी हैं।
बागपत की 62 वर्ष की महिला के आरोप रूह कंपा देने वाले हैं। पीडि़त महिला के मुताबिक, 27 वर्ष पहले डेरा सच्चा सौदा के सेवादारों ने उसके साथ दुष्कर्म का प्रयास किया था। इस दौरान उसके पति को बांधकर एक कमरे में डाल दिया गया। उन्होंने बताया कि इस बाबत शिकायत भी की गई, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई। इस गांव के प्रधानपति के मुताबिक, सेवादारों के काले कारनामों का चिट्ठा जिलाधिकारी व पुलिस अधीक्षक को सौंपा जाएगा।
वन विभाग की टीम कल गांव में पैमाइश के लिए गई थी। इस दौरान पीडि़त महिला ने दैनिक जागरण को आपबीती सुनाई। पीडि़त महिला ने बताया बागपत के बरनावा में 1980 में डेरा सच्चा सौदा की स्थापना हुई। इसके तीन चार वर्ष बाद ही डेरे के सेवादारों में जुल्म ढाने शुरू कर दिए थे। डेरे के पास जंगल में पशुओं के लिए चारा लेने जाने वाली महिलाओं को मारा-पीटा जाता था और उनके साथ दुष्कर्म किया जाता था। मुंह खोलने पर उन्हें जान से मारने की धमकी दी जाती थी।
पीडि़त महिला ने बताया कि 27 वर्ष पहले एक दिन वह अपने पति के साथ जंगल मे चारा लेने गई थी तो डेरे से कई सेवादार निकलकर आए और दोनों को डेरे में खींचकर ले गए। पति के हाथ-पैर बांधकर एक कमरे में डाल दिया, जबकि उसके मुंह मे कपड़ा ठूंसकर दुष्कर्म का प्रयास किया। विरोध करने पर सेवादारों ने उसकी दरांती छीनकर उस पर वार किया। बताया कि उसने आरोपियों से दंराती छीन ली और सेवादारों पर वारकर भाग निकली।
वहां से निकलकर ईंख के खेत में छिप गई। कुछ देर बाद उसका पति भी घर आ गया। उसके पति ने इस घटना की शिकायत भी की थी, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई थी। महिला ने बताया कि सेवादारों के खौफ के चलते उसने मुंह नहीं खोला। दुष्कर्म के आरोप में डेरा प्रमुख सलाखों के पीछे जा चुका है और बरनावा डेरे से सेवादार भी डेरा छोड़कर भाग गए है, इसलिए उसने अपनी यह पीड़ा बयां की।
महिला की जुबानी सेवादारों की दरिंदगी
सवाल :- डेरा सच्चा सौदा में आपके साथ क्या घटना हुई थी?
पीडि़ता : हम गरीब यादमी हैं। भैंसों का चारा लेन खेत मैं जावै थे। दूसरे की बुग्गी में बैठकै। गांव की दूसरी महिलाओं के साथ शेखनी भी थी। जब घास कर लेवै थे तो वे सब डेरे में से निकल आवै थे। उनके पास पांच बीघा भूमि थी। वहां से निकल-निकलकै म्हारे पीच्छै भाग लेवै थे। खेंच खेंचकै डेरे में ले आवै थे। कोई हाथ आ गी, कोई नी आयी। हमैं मार-मारकै लावै थे। म्हारा यादमी बोल्या के तम क्यों पकडऱे म्हारी जनानियों को। उन्होंने उसै खेंच कै बांधकै गेर दिया। आदमी भी पकड़ा। मैं छूटकै भाग्गी। उन्होंने दरांती मारी। मन्नै भी दरांती मारी। मेरा दांव लग गिया मैं डेरे तै अलग हो गी फेर ईंख में घुस गी। उनकी बाट देक्खी वे बहुत देर तलक नी आए। गरीब यादमी थे म्हारी किसी नै सुनवाई ना की। म्हारा यादमी बोल्या कि म्हारी जनान्नी की इज्जत पै हाथ कू डाल्या। ताई-चाची थी म्हारी। किसी ने सुनवाई नी की किसी ने गौर नी की।
सवाल- डेरे में क्या होता था और कितनी महिलाओं के साथ हुआ है?
पीडि़ता :हम अपनी बता सकैं। दूसरी की के बता सकैं।
सवाल-इसकी शिकायत कहीं की थी
जवाब-हम गरीब यादमी थे। किसी ने सुनवाई नी करी। बच्चों को लेकै गांव छोड़कै चले गिये ते।
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सेवादारों ने कई महिलाओं से की दरिंदगी
पीडि़त महिला ने बताया कि सेवादारों ने क्षेत्र की महिलाओं के साथ दुष्कर्म किया है। महिला ने ऐसी कई पीडि़त महिलाओं के नाम भी बताए। बताया कि महिलाएं अब दुनिया में नहीं हैं।
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डेरा सच्चा सौदा के रास्ते नहीं जाती थीं महिलाएं
गांव के प्रधानपति ने बताया कि सेवादारों के आतंक के चलते क्षेत्र की महिलाओं ने डेरा सच्चा सौदा के रास्ते जाना छोड़ दिया था।
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एक वृद्ध महिला ने डेरे के सेवादारों पर अपनी 30 बीघा भूमि कब्जाने और वर्षों पहले दुष्कर्म का प्रयास की जानकारी दी है। इस पर प्रधानपति ने बताया कि सेवादारों पर जमीन कब्जाने का भी आरोप है। इस बाबत जिलाधिकारी व पुलिस अधीक्षक से शिकायत की जाएगी।