चमके कामगारों और विद्यार्थियों के चेहरे
केंद्र सरकार के फैसले से लॉकडाउन में फंसे हजारों कामगारों और छात्रों और उनके परिजनों के चेहरे चमक उठे हैं। अब हर कोई केंद्र सरकार के कदम की प्रशंसा करता दिखा। केंद्र सरकार के उक्त कदम से बागपत के हजारों कामगारों व छात्रों की घर वापसी होगी। वहीं सरकारी तंत्र भी कामगारों और छात्रों की घर वापसी के मद्देनजर अपनी व्यवस्था बनाने में जुटा है।
बागपत, जेएनएन। केंद्र सरकार के फैसले से लॉकडाउन में फंसे हजारों कामगारों और छात्रों और उनके परिजनों के चेहरे चमक उठे हैं। अब हर कोई केंद्र सरकार के कदम की प्रशंसा करता दिखा। केंद्र सरकार के उक्त कदम से बागपत के हजारों कामगारों व छात्रों की घर वापसी होगी। वहीं सरकारी तंत्र भी कामगारों और छात्रों की घर वापसी के मद्देनजर अपनी व्यवस्था बनाने में जुटा है।
कामगारों और छात्रों को घर वापसी के लिए रजिस्ट्रेशन कराना होगा। इनकी थर्मल स्क्रीनिग और बाकी औपचारिकता पूरी कराने के बाद ही कामगारों और छात्रों को घर वापसी जाने की अनुमति मिलेगी। घर वापसी करने वालों को 14 दिन क्वारंटाइन रहना पड़ेगा। इसके लिए हर जिले में 15 हजार कामगारों को क्वारंटाइन कराने की व्यवस्था करने में तंत्र जुटा है। बागपत के अफसरान भी दूसरे राज्यों से आने वाले कामगारों को क्वारंटाइन कराने को स्कूल-कालेजों को चिन्हित करने में जुटे हैं ताकि जरूरत पड़ने पर फौरन उक्त स्कूल-कालेजों को क्वांरटाइन सेंटरों के रूप में प्रयोग कर सकें।
क्वारंटाइन सेंटरों के रूप में प्रयोग करने को चिन्हित किए जा रहे स्कूल-कालेजों में किचिन और अन्य मूलभूत सुविधाओं की उपलब्धता सुनिश्चित कराने का खाका भी अफसरान खींच चुके हैं। बिहार और पूर्वी यूपी के कामगार भी बागपत के ईस्टर्न पेरीफेरल एक्सप्रेस-वे और निवाड़ा पुल से होकर बागपत में प्रवेश करके आगे जाएंगे। इसके लिए भी अधिकारी बार्डरों पर आवश्यक व्यवस्था बनाने में जुटे हैं। बता दें है कि बागपत के हजारों कामगारों दूसरे राज्यों में फंसे हैं जो अब घरों को लौटने तय हैं। इनके अलावा सैकड़ों छात्र भी दूसरे राज्यों और जिलों में फंसे हैं जो अब घर वापसी करेंगे। भूखे पेट पैदल लौट रहे कामगार
बागपत: लॉकडाउन में काम-धंधा बंद होने से पास में फूटी कौड़ी नहीं होने की मार झेल रहे कामगारों को दूसरे राज्यों से घर वापसी कर रहे। गुरुवार को बागपत में अजय यादव, रोशन, निरंजन और जिला फतेहपुर जा रहे श्रवण, ज्ञानवती, सतेंद्र, कर्ण, रोहण, सूरत और श्रीकृष्ण आदि कामगारों ने बताया कि वे लुधियाना व चंदीगढ़ में फैक्ट्रियों में काम करते थे लेकिन फैक्ट्रियों पर ताला पड़ा है। वेतन मिला नहीं जिससे भूखे मरने की नौबत आ गई थी। कहा कि हम सभी लुघियाना व चंडीगढ़ से भूखे पेट पैदल आ रहे हैं। इनके अलावा और भी कामगार हरियाणा और पंजाब की तरफ से बागपत में प्रवेश कर आगे बढ़ गए।
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इन्होंने कहा..
हमें शासन से कामगारों और छात्रों की वापसी का अभी कोई आदेश नहीं मिला है। शासन से जैसा आदेश मिलेगा, हम उसका अनुपालन कराएंगे।
-शकुंतला गौतम, डीएम।