बागपत में बोले गोवा के राज्यपाल, चुगलखोर कान न भरते तो वे 1977 में यूपी के मुख्यमंत्री बन जाते
गोवा के राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने पैतृक गांव हिसावदा में अपने अभिनंदन समारोह में कहा कि कश्मीर में युवाओं का जन्नत मिलने का ख्वाब दिखाकर गुमराह करते थे।
बागपत, जेएनएन। गोवा के राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने पैतृक गांव हिसावदा में अपने अभिनंदन समारोह में कहा कि कश्मीर में युवाओं का जन्नत मिलने का ख्वाब दिखाकर गुमराह करते थे। पाक परस्त लोग वहां के युवाओं को उकसाकर पत्थरबाजी कराते थे। इन लोगों ने पूरी पीढ़ी बर्बाद कर दी, लेकिन जब उन्होंने जम्मू कश्मीर का चार्ज संभाला तो युवाओं को बताया कि कोई जन्नत नहीं मिलने वाली है बल्कि आप लोग मर रहे हैं। हमने उन्हें समझाया कि दुनिया में भारत के पास दूसरी सबसे बड़ी फौज है। लड़ाई और पत्थरबाजी से कुछ नहीं मिलने वाला। बातचीत से बहुत कुछ मिल सकता है। किसी नेता या अफसर का बेटा नहीं मरा। युवाओं की समझ में उनकी बात आई है। इसका असर हुआ और कुछ दिन बाद पत्थरबाजी बंद हो गई। कश्मीर में प्राथमिक स्कूलों से लेकर डिग्री कालेज तक बनवाए। अनुच्छेद 370 हटने का जिक्र करते हुए प्रधानमंत्री मोदी की प्रशंसा करते हुए कहा कि उन्होंने खास मकसद के लिए मुझे कश्मीर भेजा था।
चुगलखोर कान न भरते तो सीएम होता
सत्यपाल मलिक ने अपनी पुरानी यादों को जिक्र करते हुए कहा कि कुछ चुगल खोरों ने स्व. चौधरी चरण सिंह क कान भर दिए। यदि ये कान न भरते तो वह 1977 में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री बन गए होते। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उन्हें बिहार का राज्यपाल बनाया नेताओं के करीब 110 कॉलेज सीधे सेंट्रल से संचालित कराया क्यों यहां ने शिक्षक थे और ने छात्र थे। यहां फर्जीवाड़ा चल रहा था। उसके बाद कश्मीर की बागडोर सौंपी गई है।