बुद्ध पूर्णिमा पर गायत्री परिवार ने किया महायज्ञ
जिलेभर में बुद्ध पूर्णिमा का पर्व हर्षोल्लास के साथ मनाया गया। श्रद्धालुओं ने घरों में यज्ञ किए।
बागपत, जेएनएन। जिलेभर में बुद्ध पूर्णिमा का पर्व हर्षोल्लास के साथ मनाया गया। श्रद्धालुओं ने घरों में रहकर महात्मा बुद्ध की प्रतिमा के सम्मुख दीप प्रज्ज्वलित करके उनकी आराधना की। गायत्री परिवार के सदस्यों ने एक ही समय में एक साथ हवन किया। कोरोना से मुक्ति के लिए कामनाएं की।
गायत्री परिवार के वरिष्ठ कार्यकर्ता राधेश्याम शर्मा और राहुल शर्मा ने बताया कि अखिल विश्व गायत्री परिवार शांतिकुंज हरिद्वार के तत्वावधान में बुद्ध पूर्णिमा के अवसर पर देश में एक साथ वैदिक सूत्र को साकार करते हुए घर-घर में गायत्री महायज्ञ का आयोजन किया गया। महायज्ञ आठ बजे शुरू हो गया था, जो दोपहर 12 बजे तक चला। महायज्ञ अभियान में सभी गायत्री परिवार के सदस्यों ने आहुतियां डाली। यह महायज्ञ कोरोना संकट से निवारण के लिए किया गया। डीडी चौहान, प्रेमपाल, ओमप्रकाश, कंवरपाल सिंह, वेदपाल, खड़क सिंह, रणधीर सिंह ने स्वजन सहित महायज्ञ घरों में कराया। महात्मा बुद्ध के अनुयायियों ने घर-घर में उनकी जयंती मनाई। उनके पदचिह्नों पर चलने का संकल्प लिया। यमुना में भी श्रद्धालु स्नान करने के लिए पहुंचे। वातावरण शुद्धि के लिए शबगा गांव में यज्ञ
जिला आर्य प्रतिनिधि सभा बागपत के 111 यज्ञ अभियान के अंतर्गत शबगा गांव स्थित उपाध्याय चौपाल में यज्ञ का आयोजन किया, जिसमें यज्ञ के ब्रह्मा आचार्य धर्मवीर आर्य ने कहा कि यज्ञ प्राचीन चिकित्सा पद्धति है। प्राचीनकाल में महामारी के निवारण के लिए आयुर्वेद में यज्ञों का वर्णन मिलता है। वैदिक काल में ऋषियों ने यज्ञ की महिमा का वर्णन किया है। हमारे पूर्वजों ने भी इसे दिनचर्या में अपनाया है। वैज्ञानिकों ने इसे वायु शुद्धि और रोग निवारण का आधार माना है।
डाक्टर रवि शास्त्री ने कहा कि कपूर, गूगल, चंदन, केसर, लोबान, बालछड़, अगर, तगर, नीम के पत्ते आदि कृमिनाशक हैं। इनका धुआं स्वास्थ्य के लिए लाभप्रद है। गिलोय नीम के पत्ते तथा घृत के जलाने से जो धूम बनता है, वह मलेरिया बुखार में बहुत लाभदायक है। इस दौरान समाज सेवी आरआरडी उपाध्याय, नकली राम, शिवा आर्य, जगबीर सिंह, जगदीश, अरविद, धर्मेंद्र आर्य, पवन, अंकित, मोहित, सोनू आदि मौजूद रहे।