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केंद्र में गूंजा पश्चिम यूपी के प्रदूषण का मामला

जागरण संवाददाता, बागपत: केंद्र सरकार के पेयजल एवं स्वच्छता मंत्रालय द्वारा पश्चिम यूपी की ¨हडन स

By JagranEdited By: Published: Sun, 18 Nov 2018 10:39 PM (IST)Updated: Sun, 18 Nov 2018 10:39 PM (IST)
केंद्र में गूंजा पश्चिम यूपी के प्रदूषण का मामला
केंद्र में गूंजा पश्चिम यूपी के प्रदूषण का मामला

जागरण संवाददाता, बागपत: केंद्र सरकार के पेयजल एवं स्वच्छता मंत्रालय द्वारा पश्चिम यूपी की ¨हडन समेत तीन नदियों के प्रदूषण का मामला गंभीरता से लेने पर प्रदेश शासन में खलबली है। शासन ने बागपत समेत छह जिलों के डीएम को एनजीटी के आदेश का अनुपालन कराकर रिटायर्ड जज एसयू खान की अध्यक्षता में गठित कमेटी को सहयोग करने का निर्देश दिया है।

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विशेष सचिव ग्राम्य विकास अच्छे लाल ¨सह यादव ने बागपत, सहारनपुर, गाजियाबाद, शामली, मुजफ्फरनगर तथा मेरठ के डीएम, प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के सदस्य सचिव और प्रबंध निदेशक जल निगम तथा प्रमुख सचिव वन, पर्यावरण एवं जलवायु परिवर्तन को भेजे लेटर में शासन के निर्देश से अवगत कराया है। उन्होंने लेटर में भारत सरकार के पेयजल एवं स्वच्छता मंत्रालय दिल्ली में उप सलाहकार वाटर क्वालिटी के लेटर का हवाला देकर ¨हडन, काली कृष्ण नदी के प्रदूषण के दुष्प्रभाव की जानकारी भी दी है।

साल 2015 में नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल में दायर रिट में नदियों के प्रदूषण से छह जिलों के 50 लाख बा¨शदों का प्रभावित होना, भूजल प्रदूषित होने, बागपत के गांगनौली में 71 लोगों की कैंसर से मौत होना तथा 47 लोग बीमारी से बेड पर होने, पीलिया, हैजा, पेचिश व हड्डियां कमजोर होने जैसी बीमारियों की चपेट में लोग आए हैं। इस मामले में एनजीटी ने गत आठ अगस्त को छह जिलों में 124 फैक्ट्रियां बंद कराने तथा बीमार लोगों के इलाज, प्रभावित गांवों में स्वच्छ पेयजल आपूर्ति तथा नदियों को प्रदूषण मुक्त करने का आदेश दिया था।

एनजीटी ने अपने आदेश का अनुपालन कराने व तीनों नदियों के प्रदूषण के नुकसान पर अध्ययन कर रिपोर्ट देने के लिए हाइकोर्ट के रिटायर्ड जज एसयू खान की अध्यक्षता में कमेटी गठित कर रखी है। बागपत के 50 गांव प्रभावित हैं। सीडीओ पीसी जायसवाल का कहना है कि एनजीटी के आदेश का अनुपालन किया जा रहा है।

पांच हजार गुना जहर

एनजीटी के आदेश पर प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने ¨हडन, कृष्णा तथा काली नदी के पानी की जांच कराई तो सामान्य से पांच हजार गुना ज्यादा जहरीला मिला।

कागजों में सिमटा प्लान

पौधारोपण, तालाब खोदाई, पेयजल, चिकित्सा, तथा ¨हडन में गंगा का पानी लाने को 2144 करोड़ का प्लान शासन को भेजा गया, लेकिन परिणाम सिफर है।


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