चकबंदी के चक्रव्यूह में फंसे क्रिकेटर सुरेश रैना के ससुर
क्रिकेटर सुरेश रैना के ससुर बामनौली गांव निवासी तेजपाल सिंह को चकबंदी विभाग ने उन्हें चक तो सौंप दिया है, लेकिन अभी तक मेड़बंदी नहीं कराई है।
बागपत [पंकज तोमर]। बागपत में चकबंदी किसानों की दिक्कत बढ़ाती ही जा रही है। हाल ही में जिले के किसान कृष्णपाल की आत्महत्या के बाद सात किसानों ने राष्ट्रपति से इच्छा मृत्यु की मांग की है। क्रिकेटर सुरेश रैना के ससुर बामनौली गांव निवासी तेजपाल सिंह भी चकबंदी को लेकर परेशान हैं। चकबंदी विभाग ने उन्हें चक तो सौंप दिया है, लेकिन अभी तक मेड़बंदी नहीं कराई है।
यह है मामला: बागपत जिले में 1981 में चकबंदी प्रारंभ हुई, लेकिन कुछ लोग विरोध करते हुए मामले को लेकर हाईकोर्ट पहुंच गए। हाईकोर्ट ने आदेश जारी किए। इसके अनुपालन में ग्राम के रकबे 44 सेक्टरों में विभाजित कर दिए। बरनावा राजस्व ग्राम के रकबे में बरनावा, बिनौली, रहतना, शेखपुरा, दरकावदा, माखर, जिवाना, शाहपुर बाणगंगा व चंदायन आदि गांवों में चकबंदी कार्य समाप्त किया जा चुका है, लेकिन निरपुड़ा, बामनौली, बरनावा और रंछाड़ गांव में धारा-52 का प्रकाशन अभी तक नहीं हो पाया है। रैना के ससुर तेजपाल सिंह की भी गांव में करीब पांच बीघा कृषि भूमि है। उनके भी चक की अबतक हदबंदी नहीं हुई है।
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ये बोले रैना के ससुर: रैना के ससुर मास्टर तेजपाल सिंह ने बताया कि एक सप्ताह पूर्व वह डीएम भवानी सिंह खंगारौत से मिले थे। भागदौड़ कर रहे तेजपाल सिंह ने अपने दामाद सुरेश रैना को पीड़ा बताई तो रैना ने अपने क्रिकेटर दोस्त भुवनेश्वर को मामले से अवगत कराया। इसके बाद भुवनेश्वर ने डीएम को फोन कर मामला सुलझाने का आग्रह किया। डीएम ने चकबंदी विभाग को तत्काल कार्रवाई के निर्देश दिए। चकबंदी अधिकारी राजेश कुमार का कहना है कि मेड़बंदी की प्रक्रिया चल रही है। जल्द ही सभी किसानों को चक उपलब्ध करा दिए जाएंगे।
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