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हद! तंत्र की नाकामी से टूटने लगा किसानों के सब्र का बांध

बागपत: तंत्र की नाकामी के कारण गन्ना समस्या बेकाबू होने लगी है। सोमवार को उमड़े किसान सहकारी गन्ना विकास समिति बागपत पर दिनभर हंगामा करते रहे। छह घंटे लाइन में खड़ा होने के बावजूद सुनवाई नहीं होने पर किसान चीख पड़े.. 'हद हो गई है। धैर्य की परीक्षा मत लीजिए..।' किसानों का गुस्सा देख कर्मी काउंटर छोड़ खिसक गए।

By JagranEdited By: Published: Mon, 12 Nov 2018 11:20 PM (IST)Updated: Mon, 12 Nov 2018 11:20 PM (IST)
हद! तंत्र की नाकामी से टूटने लगा किसानों के सब्र का बांध
हद! तंत्र की नाकामी से टूटने लगा किसानों के सब्र का बांध

बागपत: तंत्र की नाकामी के कारण गन्ना समस्या बेकाबू होने लगी है। सोमवार को उमड़े किसान सहकारी गन्ना विकास समिति बागपत पर दिनभर हंगामा करते रहे। छह घंटे लाइन में खड़ा होने के बावजूद सुनवाई नहीं होने पर किसान चीख पड़े.. 'हद हो गई है। धैर्य की परीक्षा मत लीजिए..।' किसानों का गुस्सा देख कर्मी काउंटर छोड़ खिसक गए।

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बसी तथा पाबला गांव के सैकड़ों किसानों ने सहकारी गन्ना विकास समिति बागपत के सचिव का घेराव कर गन्ना आपूर्ति कैलेंडर नहीं मिलने, बंद गन्ना बांड चालू नहीं होने, गन्ना पर्ची नहीं मिलने पर हंगामा किया। उन्होंने गन्ना बांड एक मिल से दूसरी मिल या एक से दूसरे क्रय केंद्र पर बदले जाने के एवज में 50 रुपये की रसीद काटने का विरोध किया। कहा कि गन्ना रकबा व सर्वे का डाटा फी¨डग नहीं होने से गन्ना आपूर्ति पर्ची नहीं मिल रही है। राजेश, राजेंद्र, वेदपाल, रामू, संतराम अैर ओमबीर आदि मौजूद रहे।

यहां कोई सुनने वाला नहीं

सहकारी गन्ना विकास समिति बागपत पर लाइन में लगे ओगटी के मांगेराम तथा पुरामहादेव के हरिप्रकाश ने बताया कि गन्ना पर्ची नहीं मिल रही है। छोटे लाल बोले कि उनके खेत में गन्ना खड़ा है, लेकिन गन्ना आपूर्ति बांड कर दिया। छह घंटे से लाइन में लगे हैं, पर कोई सुनने वाला नहीं है। मवीखुर्द के रामकुमार ने बताया कि पांच बीघा गन्ना है, लेकिन एक भी पर्ची नहीं मिली। मतानगर के अलीहसन ने भी गन्ना पर्ची नहीं मिलने की शिकायत दर्ज कराई। काउंटर पर बैठे कर्मी से किसानों की तीखी नोकझोंक होती रही। पैसा दो और पर्ची लो

हबीबपुर निवासी धर्मपाल ¨सह ने चीख-चीखकर आरोप लगाया कि जो पैसा देते हैं, उन्हें पर्ची मिलती है। उनसे भी एक दलाल ने 2500 रुपये मांगे और कहा कि मनमाफिक पर्ची मिलने लगेगी। पैसा नहीं दिया तो उनकी गत साल से दो पर्ची कम कर महज सात पर्ची लगाई हैं, जिनमें अभी एक भी नहीं मिली है। उनके आरोप पर लाइन में खड़े बाकी किसानों ने सहमति जताई। इन्होंने कहा..

हम रोज सुबह से शाम तक किसानों की समस्या सुनकर निराकरण कराते हैं। पेराई सत्र की शुरूआत में थोड़ी समस्याएं आती हैं जिनका निराकरण किया जा रहा है।

-अनिल यादव सचिव, सहकारी गन्ना विकास समिति बागपत।


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