किसान आंदोलन ने दिया भाजपा को झटका
जिला पंचायत के चुनाव में किसान आंदोलन व अदावत ने भाजपा का झटका दिया है।
बागपत, जेएनएन। जिला पंचायत के चुनाव में किसान आंदोलन व अदावत ने भाजपा का झटका दिया है। भाजपा 20 वार्डों में से चार पर ही सिमट कर रह गई। सांसद प्रतिनिधि की पत्नी व पूर्व ब्लाक प्रमुख की पत्नी को भी हार का मुंह देखना पड़ा। किसान आंदोलन ने रालोद को अपने गढ़ बागपत में फिर से संजीवनी जरूर दे दी। रालोद ने नौ वार्डों पर विजय पताका लहराई।
जिला पंचायत चुनाव में सदस्य पद के लिए भाजपा, रालोद, सपा, बसपा व आप ने समर्थित प्रत्याशियों को मैदान में उतारा था। भाजपा के समर्थित प्रत्याशियों को चुनाव लड़ाने के लिए
जिले में भाजपा के सांसद, तीन विधायक व जिला संगठन की पूरी टीम जुटी हुई थी। इसके बाद भी जिला पंचायत चुनाव में भाजपा का प्रदर्शन खराब रहा। किसान आंदोलन के चलते गांव-गांव भाजपा का विरोध चुनाव के नतीजों में सामाने आया है। वार्ड 16 से सांसद प्रतिनिधि प्रदीप ठाकुर की पत्नी अंजू देवी, वार्ड 20 से पूर्व ब्लाक प्रमुख देवेन्द्र की पत्नी उमेश, वार्ड 13 से ज्योति व वार्ड 16 से सतवीर व वार्ड दो से भाजपा के युवा सोनू की हार हुई। इन वार्डों पर भाजपा को जीत होने की संभावना थी। वहीं पार्टी में बगावत का नुकसान भी हुआ। वार्ड नंबर तीन, चार, सात व 12 पर भाजपा समर्थित प्रत्याशियों के खिलाफ भाजपा के ही पदाधिकारी व कार्यकर्ता चुनाव लड़े। इसका खामियाजा भी पार्टी को उठाना पड़ा। इन चारों वार्डों पर पार्टी समर्थित प्रत्याशियों को हार का मुंह देखना पड़ा। जिले में भाजपा ने चार वार्ड पर जीत हासिल की। इसमें भाजपा समर्थित प्रत्याशी वार्ड 6 से डा. जयकुमार, वार्ड 11 से लक्ष्मण, वार्ड 14 से रविद्र बली व वार्ड 19 से मुनपाल बसंल ने जीत दर्ज की। भाजपा जिलाध्यक्ष सूरजपाल गुर्जर का कहना है कि पार्टी से बगावत करने वाले चार पदाधिकारियों व कार्यकर्ताओं को पार्टी से छह साल के लिए निष्कासित कर दिया गया था। किसान आंदोलन का असर भी चुनाव पर रहा। जिला पंचायत के 16 वार्ड पर पार्टी के समर्थित प्रत्याशियों के हार के कारणों की समीक्षा की जाएगी।