अंबानी, अदाणी व कृषि कानूनों के प्रतीकों को गोला-लाठी की सजा
कृषि कानूनों के खिलाफ दिल्ली-सहारनपुर हाईवे पर चल रहे धरने के 34वें दिन जारी रहा।
बागपत, जेएनएन। कृषि कानूनों के खिलाफ दिल्ली-सहारनपुर हाईवे पर चल रहे धरने के 34वें दिन शुक्रवार को किसानों ने अनोखा विरोध प्रदर्शन किया। किसानों ने अंबानी, अदाणी और तीनों कृषि कानूनों के प्रतीकों को गांव-देहात में प्रचलित गोला-लाठी की सजा दी।
धरने में आसपास गांवों से बड़ी संख्या में किसान और जनप्रतिनिधि पहुंचे। कुछ किसानों के चेहरे पर अदाणी, अंबानी और कृषि कानून लिखे पोस्टर चस्पा कर उन्हें प्रतीकात्मक रूप से गोला-लाठी की सजा दी गई। पुराने समय में पंचायत के निर्णय के बाद दोषी व्यक्ति को यह सजा दी जाती थी। इसमें विशेष तरीके से व्यक्ति को बांधकर पूरे दिन भूखा-प्यासा रखा जाता था।
वक्ताओं ने कहा कि गणतंत्र दिवस पर दिल्ली में ट्रैक्टर परेड के लिए किसान 25 जनवरी को कूच करेंगे। अध्यक्षता राजबीर शर्मा व संचालन राजेंद्र ने किया। धरने पर देशखाप चौधरी सुरेंद्र सिंह, थांबा चौधरी यशपाल सिंह, ब्रजपाल सिंह, बलजोर सिंह, जयवीर सिंह, पूर्व विधायक डा. अजय कुमार, विकास मलिक, चौबीसी चौधरी सुभाष सिंह, दरियाव सिंह, संजीव मान, जगबीर सिंह, सभासद आशुतोष आदि मौजूद रहे। शहीद रोशन सिंह से प्रेरणा लेने का आह्वान
महाराणा प्रताप पब्लिक स्कूल में शुक्रवार को क्रांतिकारी ठाकुर रोशन सिंह की जयंती पर गोष्ठी का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि दिल्ली डाबड़ी की पार्षद रेखा चौहान ने कहा कि क्रांतिकारी ठाकुर रोशन सिंह ने अंग्रेजों से भारत की आजादी के लिए हंसते-हंसते अपने प्राणों को मात्रभूमि के लिए न्यौछावर कर दिया। वही एडवोकेट मनोज आर्य ने कहा कि ठाकुर रोशन सिंह ने फांसी से छह दिन पहले अपने मित्र को पत्र लिखा कि मेरी मृत्यु कोई शोक का विषय नहीं है। राष्ट्र के लिए प्राण न्योछावर करना गर्व की बात है। इस मौके पर विनय चौहान, विनोद कुमार, रमेश कुमार, राजवीर सिंह, प्रवीण राजपूत, नीरज राजपूत, प्रियंका आर्य आदि मौजूद रहे।