पुलिस का दावा, डकैती के दौरान हुई थी विक्रम की हत्या
दोघट पुलिस ने मुठभेड़ में 25-25 हजार के इनामी दो भाई समेत पांच बदमाशों को गिरफ्तार कर बड़ौत के हेवल्स शोरूम में हुई डकैती के केस का राजफाश कर दिए। एडीजी का दावा है कि लूट के विरोध पर विक्रम को गोली मारी गई थी।
जासं, बागपत : बड़ौत के हेवल्स शोरूम पर हुए विक्रम हत्याकांड का 26 दिन बाद पुलिस ने राजफाश कर दिया। पुलिस ने आरोपितों को गिरफ्तार करने व लूटा गया सामान बरामद होने का दावा किया। उधर, परिजनों ने राजफाश को फर्जी बताते हुए एडीजी के सामने ही हंगामा करते हुए आत्मदाह का प्रयास किया। पुलिस ने पांच परिजनों को हिरासत में ले लिया।
एडीजी प्रशांत कुमार व आइजी रामकुमार ने एसपी ऑफिस में पत्रकार वार्ता में बताया कि रमाला सीओ अनुज चौधरी व दोघट थानाध्यक्ष अजय शर्मा ने पुलिस टीम के साथ शनिवार तड़के गांगनौली के जंगल में मुठभेड़ के दौरान जिला मुजफ्फरनगर के ग्राम मुड़भर निवासी अंकुर उर्फ रीठा, अंकित उर्फ पुरम पुत्रगण अनंगपाल, प्रदीप पुत्र अंगनपाल, ग्राम गढ़ी शेखावत निवासी हिमांशु सहरावत पुत्र सतेंद्र, ग्राम बिटावदा निवासी कार्तिक शर्मा उर्फ परशुराम पुत्र सतेंद्र को गिरफ्तार किया। इस दौरान अंकुर व हिमांशु पैर में गोली लगने से घायल हो गए, जिनका मेरठ मेडिकल में उपचार चल रहा है। दोनों पर मुजफ्फरनगर पुलिस द्वारा 25-25 हजार रुपये इनाम घोषित है। पुलिस के मुताबिक, आरोपितों ने पूछताछ में 30 अप्रैल की रात्रि बड़ौत के हेवल्स शोरूम में डकैती डालने व विरोध करने पर विक्रम की हत्या करने की बात कुबूल की। आरोपितों से शोरूम से लूटे गए 5.05 लाख रुपये, एक रायफल, दो कारतूस, चार खोखा, तीन मोबाइल, डीबीआर मय हार्ड डिस्क, सोने-चांदी के आभूषण, दो चांदी के गिलास, एक काला बैग मय 421 रुपये, सिक्के व कागजात बरामद हुए।
इसके अलावा आरोपितों से एक एसबीबीएल गन, 19 कारतूस, दो खोखे, एक पिस्टल, एक मस्कट, एक तमंचा व दो बाइक भी बरामद की गईं। एक बाइक रमाला व दूसरी मुजफ्फरनगर के भौराकलां थानाक्षेत्र से लूटी गई थी। साजिशकर्ता का पता लगाया जा रहा है।
प्रेसवार्ता के बाद जब एडीजी बाहर निकले तो विक्रम की बहन आशा उनकी गाड़ी के आगे खड़ी हो गई। उसने राजफाश को फर्जी बताया। पुलिसकर्मियों ने हटाया तो उसने केरोसिन छिड़ककर आत्मदाह की कोशिश की। उसकी मां कमला व भाइयों ने भी ऐसा ही किया। उनकी पुलिस से हाथापाई हुई। एएसपी रणविजय सिंह व सीओ अनुज चौधरी ने पुलिस के साथ मिलकर विक्रम की बहन, मां, भाई सत्यवीर, अजीत व तहेरे भाई अर्जुन को हिरासत में ले लिया। इसी बीच एडीजी, आइजी व एसपी शैलेश कुमार पांडेय कार्यालय से चले गए। एएसपी का कहना है कि विक्रम के परिजनों के खिलाफ सरकारी कार्य में बाधा डालने व आत्महत्या प्रयास के आरोप में मुकदमा दर्ज किया जाएगा।
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