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पटरी पर दौड़ने लगी रोजगार की गाड़ी

योगी की रोजगार योजनाओं का असर जमीन पर दिखने लगा।

By JagranEdited By: Published: Fri, 26 Jun 2020 07:56 PM (IST)Updated: Fri, 26 Jun 2020 07:56 PM (IST)
पटरी पर दौड़ने लगी रोजगार की गाड़ी
पटरी पर दौड़ने लगी रोजगार की गाड़ी

बागपत, जेएनएन। योगी की रोजगार योजनाओं का असर जमीन पर दिखने लगा। गत साल से छह गुना ज्यादा कामगारों को काम मिलने से बागपत में मनरेगा का इतिहास बदल गया। फैक्ट्रियों का चक्का घूमने से हजारों कामगारों की चेहरों पर चमक लौट आई। आने वाले दिनों में रोजगार की गाड़ी और रफ्तार पकड़ेगा, क्योंकि हजारों कामगारों को काम देने का ब्लू प्रिट बन गया। आइए बताते हैं लॉकडाउन के बाद पटरी पर लौटते रोजगार का हाल..।

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मनरेगा में बनी मिसाल

-मनरेगा जन्म से ही बागपत में रेंगती रही लेकिन अब पहली बार बंपर कामगारों को काम मिला। मनरेगा के इतिहास में पहली बार 26 जून को 226 गांवों में 1750 कामगारों को काम मिला है। गत साल 26 जून को 72 गांव में 332 कामगार को काम मिला था। साफ है गत साल से 1418 ज्यादा कामगारों को काम मिला है। परियोजना निदेशक विद्यानाथ शुक्ल ने कहा कि आने वाले दिनों में और ज्यादा कामगारों को काम

देने का प्लान है।

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काम पर लौटे हजारों कामगार

-शासन और प्रशासन के प्रयास से 20 मई के बाद बागपत में 2875 औद्योगिक ईकायों में उत्पादन शुरू हुआ जिससे 17600 श्रमिकों को काम मिलने से नौकरी बच गई। एक जिला-एक उत्पाद योजना में हैंडलूम तथा गृह सज्जा के उत्पादों को बढ़ावा देने को दस्तकारों को कर्ज दिया जा

रहा है। हालांकि दूसरे राज्यों और विदेशों से तैयार माल का आर्ड नहीं मिलने से काम कुछ धीमा है। वहीं प्रशासन फैक्ट्रियां चलवाने का प्रयास कर रहे हैं।

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रोजगार देने का रोडमैप तैयार

-प्रशासन ने दूसरे राज्यों और शहरों से लौटे कामगारों को आने वाले दिनों में रोजगार देने का रोडमैप तैयार कर मंडलायुक्त को उपलब्ध करा दिया। उद्योग केंद्र, स्वास्थ्य, उद्यान, शिक्षा, पंचायत राज, जल निगम, ऊर्जा निगम, वस्तु एवं सेवाकर, सेवायोजन, कृषि, नगर निकाय, लोक निर्माण तथा परिवहन विभाग 1341 कुशल प्रवासी कामगारों को आने वाले दिनों में रोजगार देंगे। इन कामगारों व उनके हुनर को चिन्हित कर लिया गया है।

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झंड़ा गाड़ रही नारी शक्ति

-राष्ट्रीय आजीविका मिशन से जुड़ी महिलाओं ने कोरोना काल को रोजगार के अवसर में बदलकर दिखा दिया। बागपत के विभिन्न गांवों की 200 से ज्यादा महिलाओं ने 80 हजार मास्क बनाकर 10 लाख रुपये से ज्यादा में बेचकर कमाई की। मवीकलां की सरोज कहतीं है कि वक्त के साथ बदलकर हमनें जहां खुद को बेरोजगार होने से बचाया वहीं आम जन को कम कीमत में मास्क उपलब्ध करा कोरोना से बचाने का काम किया है।

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बागपत में पहली बार मनरेगा में सर्वाधिक कामगारों को काम मिला हैं। फैक्ट्रियों के चलने से हजारों कामगारों को काम मिला है। अगले कुछ दिनों में बाकी प्रवासी कामगारों को बागपत में ही काम देने का प्लान बन चुका है।

-पीसी जायसवाल, सीडीओ बागपत।


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