हड़ताल से ध्वस्त हुआ ऊर्जा निगम का सिस्टम
जीपीएफ घोटाले को लेकर ऊर्जा निगम कर्मियों ने आंदोलन तेज कर दिया। विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति के आह्वान पर कर्मियों-अधिकारियों ने कार्य बहिष्कार कर अधीक्षण अभिभयंता कार्यालय पर पर प्रदर्शन कर धरना दिया।
बागपत, जेएनएन: जीपीएफ घोटाले में कार्रवाई की मांग लेकर ऊर्जा निगम के कर्मियों ने आंदोलन तेज कर दिया। विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति के आह्वान पर अधिकारियों व कर्मियों ने कार्य बहिष्कार कर अधीक्षण अभियंता कार्यालय पर प्रदर्शन कर धरना दिया। कर्मियों ने चेतावनी दी कि जीपीएफ का पैसा जल्द नहीं मिला तो वे अनिश्चितकालीन हड़ताल शुरू कर देंगे। प्रदर्शन की वजह से सैकड़ों फरियादियों को बिजली संबंधी समस्याओं का निस्तारण कराए बिना ही लौटना पड़ा।
ऊर्जा निगम के कर्मियों और अधिकारियों ने सोमवार की प्रात: 10 बजे से 48 घंटे का कार्य बहिष्कार शुरू किया। बागपत, खेकड़ा, अग्रवाल मंडी टटीरी व अमीनगर सराय समेत ऊर्जा निगम के सभी दफ्तरों में कार्यरत कर्मचारी और अधिकारियों ने कार्य बहिष्कार में हिस्सा लिया। बागपत में अधिकांश कर्मी और अधिकारी अधीक्षण अभियंता के दफ्तर पहुंचे और प्रदर्शन कर धरना दिया। एसडीओ, एक्सईएन और अधीक्षण अभियंता, जूनियर इंजीनियर और सहायक अभियंताओं ने भी कर्मियों के साथ धरना दिया।
कर्मियों की मांग है कि जीपीएफ के भुगतान का उत्तरदायित्व सरकार ले और इसके लिए नोटिफिकेशन जारी करे। घोटाले में शमिल आइएएस अफसर बर्खास्त किए जाएं। जीपीएफ व सीपीएफ निवेश के संबंध में सरकार श्वेत पत्र जारी करे। कर्मचारियों ने कहा कि उनकी जिदंगीभर की कमाई पीएफ ही है, जिस पर डाका डाला गया है। अधीक्षण अभियंता रणविजय सिंह, अधिशासी अभियन्ता, अमर सिंह, एसडीओ राणा प्रताप, संजीव, राजीव, विजय प्रकाश और सुनील आदि मौजूद रहे।
वहीं अधीक्षण अभियंता ने कहा कि बिजली आपूर्ति पर कोई असर नहीं पड़ा। ठेका कर्मियों से ब्रेकडाउन अटेंड कराए।