यूं समझिए सारे जहां की खुशी मिल गई
लोकसभा चुनाव में पहली बार मतदान करने वाला युवा मतदाता काफी उत्साहित और रोमांचित दिखा। हर किसी को कहते सुना कि जैसे ही इवीएम का बटन दबाया वैसे ही अहसास हुआ कि हम बालिग हो गये हैं। किसी ने विकास के नाम पर तो किसी ने राष्ट्रवाद के नाम पर मतदान किया है। वहीं कईयों ने कहा कि जाति या धर्मवाद के बजाय मुद्दों को ध्यान में रखकर मतदान किया है।
जागरण संवाददाता, बागपत: लोकसभा चुनाव में पहली बार मतदान करने वाला युवा मतदाता काफी उत्साहित और रोमांचित दिखा। हर किसी को कहते सुना कि जैसे ही ईवीएम का बटन दबाया, अहसास हुआ कि हम बालिग हो गये। किसी ने विकास के नाम पर तो किसी ने राष्ट्रवाद के नाम पर मतदान किया। कई ने कहा कि जाति या धर्म के बजाय मुद्दों को ध्यान में रखकर मतदान किया।
बागपत के जैन इंटर कालेज में श्वेता के चेहरे पर पहली बार मतदान की खुशी साफ झलक रही थी। बोली कि कुछ मत पूछिए..छह माह पहले मतदाता बनी हूं। तब से आज की घड़ी का बेसब्री से वोट देने का इंतजार था। जैसे ही ईवीएम का बटन दबाया और वीपीपैट मशीन की स्क्रीन पर निकली पर्ची देखी तो खुशी का ठिकाना न रहा। बागपत की तस्लीम ने कहा कि उनकी दिली इच्छा थी कि राष्ट्र के निर्माण में अपना योगदान दें। आज पहली बार मतदान करके यह इच्छा पूरी हो गई है।
बागपत की अंजली ने कहा कि पहले जब वह लोगों को मतदान करते देखती थीं तो दिल चाहता कि वह भी मतदान करें। आज ईवीएम का बटन दबाने का मौका मिला और उंगली पर स्याही भी लगी। लोयन मलकपुर में मतदान करके लौट रहीं छवि और छाया ने बताया कि आज लोकतंत्र मजबूत करने का मौका मिला है। तब्बू और शहीन बोलीं कि यूं समझिए कि पहली बार मतदान कर सारे जहां की खुशी मिल गई। मुद्दों के आधार पर वोट दिया है न कि जाति या धर्म के आधार पर। गौरीपुर जवाहरनगर की बीए की शीतल बोलीं कि पहली दफा वोट डालने से बेहद रोमांचित हैं। राष्ट्रवाद के नाम पर मतदान किया है।