नई शिक्षा नीति से युवाओं का संवर जाएगा भविष्य
भारत सरकार से नई शिक्षा नीति से युवाओं का भविष्य संवरेगा और बच्चों को गुणवत्ता र्पूण शिक्षा मिलेगी।
बागपत, जेएनएन। भारत सरकार से नई शिक्षा नीति से युवाओं का भविष्य संवरेगा और बच्चों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा मिलेगी। मानव संसाधन विकास मंत्रालय भी शिक्षा मंत्रालय में तब्दील कर दिया गया है। 34 साल बाद देश में ये नई शिक्षा नीति लागू की गई।
श्री यमुना इंटर कॉलेज के प्रधानाचार्य मुकेश राज शर्मा ने कहा कि नई शिक्षा नीति से शिक्षा को बढ़ावा मिलेगा। नौजवान अपना भविष्य संवार सकेंगे। 2030 तक तीन से 18 आयु वर्ग के प्रत्येक बच्चे को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। छठी क्लास से वोकेशनल कोर्स शुरू किए जाएंगे। इच्छुक छात्रों को छठी क्लास के बाद से ही इंटर्नशिप करवाई जाएगी। इसके अलावा म्यू•िाक और आर्ट्स को बढ़ावा दिया जाएगा। इन्हें पाठयक्रम में लागू किया जाएगा।
सम्राट पृथ्वीराज चौहान पीजी कॉलेज के प्राचार्य डॉ. अनिल कुमार ने कहा कि उच्च शिक्षा के लिए एक सिगल रेगुलेटर रहेगा (लॉ और मेडिकल एजुकेशन को छोड़कर)। यानी अब यूजीसी और एआइसीटीई समाप्त कर कर पूरे उच्च शिक्षा के लिए एक नेशनल हायर एजुकेशन रेगुलेटरी अथॉरिटी का गठन किया जाएगा। पहली बार मल्टीपल एंट्री और एग्•िाट सिस्टम लागू किया गया है। आज की व्यवस्था में अगर चार साल इंजीनियरंग पढ़ने या छह सेमेस्टर पढ़ने के बाद किसी कारणवश आगे नहीं पढ़ पाते हैं तो आपके पास कोई उपाय नहीं होता, लेकिन मल्टीपल एंट्री और एग्•िाट सिस्टम में एक साल के बाद सर्टिफ़किेट, दो साल के बाद डिप्लोमा और तीन-चार साल के बाद डिग्री मिल जाएगी। इससे उन छात्रों को बहुत फ़ायदा होगा जिनकी पढ़ाई बीच में किसी वजह से छूट जाती है।
उच्च शिक्षा में कई बदलाव किए गए हैं। जो छात्र रिसर्च करना चाहते हैं, उनके लिए चार साल का डिग्री प्रोग्राम होगा। जो लोग नौकरी में जाना चाहते हैं वो तीन साल का ही डिग्री प्रोग्राम करेंगे। जो रिसर्च में जाना चाहते हैं वो एक साल के एमए के साथ चार साल के डिग्री प्रोग्राम के बाद सीधे पीएचडी कर सकते हैं। अब उन्हें एमफिल की •ारूरत नहीं होगी। अन्य कई और बदलाव हुए, जिसका फायदा युवाओं को होगा।