UP: जंगल में घोड़ी के पैर बांधकर किया गंदा काम, घोड़ी मालिक ने दर्ज कराया आरोपित के विरुद्ध केस
उत्तर प्रदेश के बागपत जिले में एक बार फिर जानवर के साथ दुष्कर्म का अजीबो-गरीब मामला सामने आया है। खेकड़ा इलाके स्थित सांकरौद जंगल में एक शराबी पर घोड़ी के पैर बांधकर दुष्कर्म करने का आरोप लगाया गया है।
बागपत, जेएनएन। उत्तर प्रदेश के बागपत जिले में एक बार फिर जानवर के साथ दुष्कर्म का अजीबो-गरीब मामला सामने आया है। खेकड़ा इलाके स्थित सांकरौद जंगल में एक शराबी पर घोड़ी के पैर बांधकर दुष्कर्म करने का आरोप लगाया गया है। तलाशते हुए जंगल में पहुंचे घोड़ी मालिक ने एक आरोपित को रंगे हाथों दबोच कर पुलिस के हवाले किया है। पुलिस ने आरोपित के विरुद्ध मुकदमा दर्ज किया है।
घोड़ी मालिक आदेश कुमार प्रजापति ने बताया कि मंगलवार रात उसने अपनी घोड़ी को मकान के बाहर बांधी थी। रात नौ बजे वह घोड़ी को बाहर से लाने के लिए गया तो घोड़ी गायब थी। आसपास पता किया तो ग्रामीणों ने एक व्यक्ति को जंगल की तरफ घोड़ी ले जाने की जानकारी दी। पीड़ित तलाशता हुआ जंगल में पहुंचा तो घोड़ी के पैर बंधे थे और एक व्यक्ति खड़ा हुआ था।
घोड़ी मालिक आदेश का आरोप है कि जितेंद्र पुत्र रामचंद्र ने उसकी घोड़ी के साथ दुष्कर्म किया है। पीड़ित की तहरीर पर पुलिस ने आरोपित पर मुकदमा दर्ज कर गिरफ्तार किया। ग्रामीणों के अनुसार आरोपित के साथ कई अन्य लोग भी शामिल थे। इंस्पेक्टर रविंद्र कुमार का कहना है कि आरोपित को गिरफ्तार कर लिया गया है। आगे की कार्रवाई की जा रही है।
जानवरों पर क्रूरता रोकने के लिए क्या कहता है कानून
- भारतीय संविधान के अनुच्छे 51(A) के मुताबिक हर जीवित प्राणी के प्रति सहानुभूति रखना भारत के हर नागरिक का मूल कर्तव्य है।
- जानवरों सताने, पीटने, ठोकर मारने, कोई अंग तोड़ देने, अत्यधिक सामान लादने, हद से ज्यादा सवारी करने या बैठाने, जहर खिलाने, घाव करने के आरोप में पशु क्रूरता का निवारण अधिनियम 1960 के तहत आरोपी पर कार्रवाई का प्रवाधान है। इसमें तीन महीने की सजा और जुर्माना हो सकता है।
- भारतीय दंड संहिता की धारा 428 और 429 के मुताबिक किसी पशु को मारना या अपंग करना, भले ही वह आवारा क्यों न हो, दंडनीय अपराध है।