दस पेयजल परियोजनाओं के ठप होने से हजारों लोग हलकान
करोड़ों खर्च के बावजूद हजारों ग्रामीणों को स्वच्छ पेयजल मयस्सर नहीं हो रहा है। जिला विकास अधिकारी हुब लाल के समीक्षा करने पर दस गांवों की पेयजल परियोजनाओं पर महीनों और सालों से ताला लटका मिला। सांसद आदर्श गांव पलड़ी में भी वर्तमान में पेयजल परियोजना बंद है।
बागपत, जेएनएन: करोड़ों खर्च के बावजूद हजारों ग्रामीणों को स्वच्छ पेयजल मयस्सर नहीं हो रहा है। जिला विकास अधिकारी ने समीक्षा की तो दस गांवों की पेयजल परियोजनाओं पर महीनों और सालों से ताला लटका मिला। सांसद आदर्श गांव पलड़ी में वर्तमान में पेयजल परियोजना बंद है। सुन्हैड़ा गांव में वर्ष 2011-2012 में बनी पेयजल परियोजना सालों से बंद है। लुहारा गांव के सैकड़ों बाशिदे काफी दिनों से पेयजल परियोजना ठप होने से परेशान हैं। ककड़ीपुर गांव में एक माह से पेयजल परियोजना से पानी नहीं निकल रहा है। लूंब, कंडेरा, फजलपुर और कमाला गांवों की पेयजल परियोजनाओं की बिजली मोटर खराब होने से महीनों से पेयजल आपूर्ति ठप है। कासिमपुरखेड़ी गांव में दो माह से पेयजल परियोजना बंद है। डीडीओ ने कहा कि कुल 78 पेयजल परियोजनाएं हैं लेकिन कुछ बंद हैं तो कुछ पेयजल परियोजनाओं से आंशिक रूप से पानी आपूर्ति होती है। कुछ गांवों में पाइपलाइन लीकेज की शिकायत है तो ज्यादातर गांवों में हर घर तक पाइपलाइन नहीं बिछी है।
पेयजल परियोजनाओं के संचालन में सबसे बड़ी समस्या यह है कि कहीं ग्राम पंचायत परियोजना को टेकओवर कर संचालित करने से बच रही हैं तो किसी गांव में जल निगम ने परियोजना हैंडओवर करने के बाद मुंह फेर लिया है। डीडीओ ने पंचायत सचिवों और बीडीओ को बंद परियोजनाओं की चालू कराने का निर्देश दिया। ग्रामीणों को मुफ्त पानी देने के बजाय प्रति कनेक्शन प्रति माह 50 रुपये बिल वसूल करने की हिदायत दी है।
जल निगम के एक्सईएन रिषीपाल सिंह, बीडीओ बागपत स्मृति अवस्थी और बीडीओ पिलाना कृपाल सिंह तथा पंचायत राज विभाग के जिला प्रबंधक प्रशांत कुमार आदि मौजूद रहे।