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रालोद का गढ़ ध्वस्त करने को डा.सत्यपाल पर ही भाजपा का दांव

रालोद के गढ़ बागपत में भाजपा ने दोबारा डा.सत्यपाल सिंह पर दांव लगाया है। रिटायर्ड आइपीएस डा.सत्यपाल सिंह बागपत के ही रहने वाले हैं। उनसे पार्टी को उम्मीद है।

By Ashu SinghEdited By: Published: Fri, 22 Mar 2019 04:33 PM (IST)Updated: Fri, 22 Mar 2019 04:33 PM (IST)
रालोद का गढ़ ध्वस्त करने को डा.सत्यपाल पर ही भाजपा का दांव
रालोद का गढ़ ध्वस्त करने को डा.सत्यपाल पर ही भाजपा का दांव
बागपत,जेएनएन। रालोद के गढ़ बागपत में भाजपा ने दोबारा डा.सत्यपाल सिंह पर दांव लगाया है। रिटायर्ड आइपीएस डा.सत्यपाल सिंह बागपत के ही गांव बासौली के रहने वाले हैं। जिले की माटी में पले बढ़े सत्यपाल गांव की दहलीज से निकलकर मुंबई पुलिस कमिश्नर के पद तक पहुंचे,और बाद में वीआरएस लिया और राजनीति में आ गये। पीएम मोदी ने उन्हें अपने मंत्रिमंडल का हिस्सा बनाया। केंद्रीय मंत्री बनने के बाद जिले के विकास को लेकर उनका विजन स्पष्ट रहा। इसका असर भी महसूस किया गया। शायद यही वजह है कि टिकट मांगने वालों की लंबी कतार के बाद भी डा. सत्यपाल को पुन: भाजपा ने अपना उम्मीदवार बनाया।
कौन हैं डा. सत्यपाल
डा.सत्यपाल सिंह 1980 बैच के आइपीएस हैं। वह कभी वैज्ञानिक बनने की कोशिश में लगे थे,तभी 1980 में आइपीएस में चयन होने के बाद वह पुलिस सेवा में आ गए। 1990 के दशक में मुंबई क्राइम ब्रांच के ज्वॉइंट कमिश्नर बने। उसी दौर में मुंबई में छोटा राजन, छोटा शकील और अरुण गवली गैंग सक्रिय थे। दया नायक, प्रदीप शर्मा, विजय सालस्कर जैसे एनकाउंटर स्पेशलिस्ट डा.सत्यपाल की बनाई हुई टीम का हिस्सा थे। वह बतौर कमिश्नर पुणे और नागपुर के कमिश्नर भी रहे। उन्होंने नागपुर पुलिस कमिश्नर रहते हुए 'मिशन मृत्युंजयÓ प्रोग्राम चलाया। इसमें कॉलेज के छात्र संदिग्ध आतंकवादियों और आतंकी गतिविधियों की सूचना पुलिस को देते थे। 2012 में वह मुंबई पुलिस कमिश्नर बने।
ऐसे हुई राजनीति में एंट्री
मुंबई पुलिस कमिश्नर के पद पर दो साल रहने के बाद उन्होंने नौकरी से वीआरएस लिया और 2 फरवरी 2014 को मेरठ में एक रैली के दौरान उन्होंने मोदी, शाह और राजनाथ की मौजूदगी में भाजपा ज्वॉइन की। डॉ सत्यपाल ने 2014 लोस.चुनाव में रालोद मुखिया अजित सिंह को 2 लाख से अधिक मतों से हराया। मोदी सरकार में 2 साल पूर्व उनको मंत्रिमंडल का हिस्सा बनाया गया। उन्हें मानव संसाधन विकास तथा गंगा उद्धार राज्यमंत्री बनाया गया। डॉ सत्यपाल को संघ का करीबी माना जाता है। पश्चिमी उत्तर प्रदेश के बड़े जाट नेता के तौर पर इनकी छवि है।
टिकट बदलने की उठी थी मांग
डॉ सत्यपाल सिंह का टिकट काटने की मांग तेजी से उठी थी, दिल्ली में भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह से भी प्रतिनिधि मंडल ने मुलाकात की थी,लेकिन भाजपा ने जयंत चौधरी के मुकाबले में डॉ सत्यपाल को ही सबसे उपयुक्त प्रत्याशी मानते हुए दोबारा मौका दिया।
अभी बहुत कुछ करना बाकी है : डा. सत्यपाल
डा. सत्यपाल सिंह अपना टिकट पक्का होने के बाद भाजपा नेतृत्व के प्रति धन्यवाद ज्ञापित करते हुए कहते हैं कि उन पर भरोसा जताकर पार्टी ने उन्हें फिर से क्षेत्र की सेवा करने का मौका दिया है। अब जनता की बारी है,मैने क्षेत्र के विकास के लिए काफी कार्य किए हैं,बहुत कुछ करना बाकी है,अभी बहुत दूर चलना बाकी है,इस क्षेत्र को नोएडा,और सोनीपत के बराबर खड़ा करना है, जिसका यह क्षेत्र हकदार है। जनता इसे बखूबी समझती है, जनता का आशीर्वाद मिलेगा और क्षेत्र के विकास के लिए वह फिर पूरी ताकत से कार्य करेंगे। 

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