बेटियों को आगे बढ़ाना है धर्मपाल का धर्म
पंड़ित धर्मपाल सिंह की वाहिश बस इतनी सी है कि हर घर की बेटियां पढ़-लिखकर आगे बढ़े। इसी मंत्र को उन्होंने अपने जीवन में उतार रखा है।
बागपत, जेएनएन : गांव नैथला के पंडित धर्मपाल की ख्वाहिश बस इतनी सी है कि हर घर की बेटियां पढ़-लिखकर आगे बढ़ें। इसी ध्येय को उन्होंने अपने जीवन में उतारा और मुफलिसी में जिदगी बिताते हुए अपनी तीन बेटियों की परवरिश में कोई कमी नहीं छोड़ी। उन्होंने देवताओं के फोटो बेचकर बेटियों को उच्च शिक्षित किया।
यूपी-हरियाणा बॉर्डर के नैथला गांव के 70 वर्षीय पंडित धर्मपाल अशिक्षित हैं। पत्नी मधु देवी आठवीं पास है। उनकी तीन बेटी पूजा, आरती और भारती है। उनके मुताबिक बेटी पूजा ने एमए व आरती ने बीए व बीएड और भारती ने जीएनएम का कोर्स किया है। पूजा और आरती की शादी हो चुकी है। पूजा सिविल सर्विस और भारती शिक्षिका बनने की तैयारी कर रही है। बेटी भारती नोएडा के एक प्राइवेट हॉस्पिटल में नर्स है।
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एक साल पूर्व नसीब हुई छत
--धर्मपाल सिंह बताते हैं कि बेटियों का पालन-पोषण करने तथा पढ़ाने-लिखाने में बहुत परेशानी का सामना करना पड़ा लेकिन बेटियों को किसी तरह की दिक्कत नहीं होने दी। गांव में दूसरों के मकान में रहकर गुजरा किया। एक साल पहले ही मकान की छत नसीब हुई।
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चौपालों पर बैठकर बताते हैं
बिगड़ रहा लिगानुपात
धर्मपाल सिंह गांवों में चौपालों पर बैठक कर ग्रामीणों को बताते हैं कि कन्या भ्रूण हत्या अपराध है। इससे लिगानुपात भी बिगड़ता है। कन्या भ्रूण हत्या का परिणाम है कि बागपत का लिगानुपात 863 है। जब घर में बेटी नहीं होगी, तो बहू कहां से लाओगे।