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लौहड्डा में बछड़े की मौत, छोड़े गए बेसहारा पशु

जागरण संवाददाता, बड़ौत (बागपत): लौहड्डा गांव में कृषक सहकारी समिति परिसर में बछड़े क

By JagranEdited By: Published: Fri, 18 Jan 2019 10:44 PM (IST)Updated: Fri, 18 Jan 2019 10:44 PM (IST)
लौहड्डा में बछड़े की मौत, छोड़े गए बेसहारा पशु
लौहड्डा में बछड़े की मौत, छोड़े गए बेसहारा पशु

जागरण संवाददाता, बड़ौत (बागपत): लौहड्डा गांव में कृषक सहकारी समिति परिसर में बछड़े की मौत हो गई। इससे घबराकर बेसहारा पशुओं को छोड़ दिया गया। बछड़े का शव बिना पोस्टमार्टम दफना दिया गया। मौत की वजह पता नहीं चल पाई।

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लौहड्डा गांव वाजिदपुर गांव में गुरुवार को 50 से ज्यादा बेसहारा पशुओं को पकड़ा गया था, जिनमें से कुछ को लौहड्डा सहकारी समिति परिसर और कुछ को वाजिदपुर गांव के प्राइमरी विद्यालय में बंद कर दिया गया था। शुक्रवार सुबह लोगों ने सहकारी समिति परिसर में एक बछड़ा मृत पड़ा देखा। इस खबर से सनसनी फैल गई।

दोपहर लगभग 12 बजे नायब तहसीलदार पुलिस टीम के साथ गांव में पहुंचे और ग्राम प्रधान और ग्रामीणों को बुलाकर गेट का ताला खुलवा दिया। इससे बाकी पशु खेतों में चले गए। नायब तहसीलदार धर्मेंद्र ने बताया कि गांव के लोगों की ओर से बछड़े के शव का पोस्टमार्टम कराने की मांग नहीं की गई थी, इस कारण शव दफना दिया गया।

लचीली व्यवस्था ने

ली बछड़े की जान

कृषक सहकारी समिति में बछड़े की मौत कैसे हुई, इससे पर्दा तो नहीं उठ सका, लेकिन इतना तय है कि बछड़े की मौत की जिम्मेदार वह सरकार की लचीली व्यवस्था है जिसके चलते गांव के लोगों ने पशुओं को समिति के परिसर में बंद कर दिया था। जिला प्रशासन लगातार चेतावनी दे रहा है कि यदि किसी ने बेसहारा पशुओं को पकड़कर स्कूल या दूसरे स्थान पर बंद किया तो कार्रवाई की जाएगी, लेकिन यह सरकारी फाइलों में ही चलता रहा और एक बछड़े की मौत हो गई।


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