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बेटी बचाओः छेड़खानी से तंग छात्रा ने पढ़ाई छोड़ी, आवासीय विद्यालय भी असुरक्षित

पुलिस और सरकार की तमाम कोशिश बेटियों को सुरक्षित माहौल नहीं दे पा रही है। छेडख़ानी से तंग गांव की कई बेटियों ने स्कूल-कालेज जाना ही छोड़ दिया।

By Nawal MishraEdited By: Published: Sat, 16 Dec 2017 10:44 PM (IST)Updated: Sun, 17 Dec 2017 10:53 PM (IST)
बेटी बचाओः छेड़खानी से तंग छात्रा ने पढ़ाई छोड़ी, आवासीय विद्यालय भी असुरक्षित
बेटी बचाओः छेड़खानी से तंग छात्रा ने पढ़ाई छोड़ी, आवासीय विद्यालय भी असुरक्षित

बागपत (जेएनएन)। पुलिस और सरकार की तमाम कोशिश बेटियों को सुरक्षित माहौल नहीं दे पा रही है। छेडख़ानी से तंग आकर बड़ौत क्षेत्र के  एक गांव की कई बेटियों ने स्कूल-कालेज जाना ही छोड़ दिया। शिकायत के बावजूद ऐसी घटनाओं पर अंकुश के लिए बना एंटी रोमियो स्क्वॉड कुछ नहीं कर सका तो मजबूर होकर अभिभावकों को बेटियों का स्कूल जाना बंद कराना पड़ा।  यही नहीं बागपत के कस्तूरबा आवासीय बालिका विद्यालय के आसपास शोहदे की लंबी जमात रोज जुड़ती है। इनसे तो छात्राएं ही नहीं शिक्षिकाएं भी परेशान हैं। परिसर से बाहर निकलना दूभर हो जाता है।

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फब्तियां और छेडख़ानी से रोज की जिल्लत 

बड़ौत के एक गांव की बेटियों को स्कूल अथवा कॉलेज आने के लिए ऑटो से बड़ौत आना पड़ता है। इस दौरान शोहदे उन्हें तंग करते हैं। विरोध पर मारपीट तक की जाती है। छात्राओं का कहना था कि बड़ौत में स्कूल-कॉलेज जाने के दौरान फब्तियां, छेडख़ानी के कारण रोज जिल्लत झेलनी पड़ती थी। पुलिस से शिकायत के बावजूद कुछ नहीं हुआ तो स्कूल-कॉलेज जाना बंद करना पड़ा। कश्यप युवा मंच के प्रदेश अध्यक्ष सुभाष चंद कश्यप ने बताया कि छेडख़ानी बढऩे के कारण मजबूर होकर छात्राओं ने स्कूल जाना बंद कर दिया। मामले की जानकारी पर सांसद व केंद्रीय राज्यमंत्री सत्यपाल सिंह ने कहा कि अगर ऐसा है तो बहुत गंभीर है। पुलिस को कार्रवाई के लिए कहा जाएगा। बड़ौत के सीओ रामानंद कुशवाहा का कहना है कि छेडख़ानी की शिकायत पर तुरंत कार्रवाई होती है। यह मामला उनकी जानकारी में नहीं है। जांच कराकर दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। एसपी जयप्रकाश भी कहते हैं कि लिखित शिकायत पर कार्रवाई की जाएगी। परिजनों से बात की जाएगी।

विद्यालय में कैद रहती छात्राएं

बागपत के कस्तूरबा आवासीय बालिका विद्यालय के आसपास शोहदे घूमते रहते हैं। छात्राएं ही नहीं शिक्षिकाएं भी इनसे तंग हैं। आए दिन छेडख़ानी होती है। इससे छात्राएं एक तरह से स्कूल में कैद होकर रह गई हैं। डीएम भवानी सिंह खंगरौत ने पूरे प्रकरण की जांच सीडीओ को सौंपी है। यह भी बड़ौत का मामला है। यहां डायट परिसर में कस्तूरबा गांधी बालिका आवासीय विद्यालय है। 100 छात्राएं पढ़ती हैं। स्कूल के बाहर निकलने पर शोहदे छेडख़ानी करते हैं। बागपत के एसपी जयप्रकाश ने बताया कि कस्तूरबा गांधी आवासीय विद्यालय के मामले में शिकायत प्राप्त हुई थी, पुलिस भेजकर जांच कराई गई है। दीवार पर बैठने वालों में मोहल्ले के लोग हैं। पुलिस भेजकर हर रोज वहां से लोगों को खदेड़ा जाता है। कई को चेतावनी भी दी गई है। दीवार ऊंची कराने का प्रयास चल रहा है। 


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