तेज हवाओं से गिरी फसल, पैदावार घटने के आसार
संवाद सहयोगी, बड़ौत (बागपत): क्षेत्र में तेज हवा के झोकों के साथ आई बारिश से जनजीवन अस्त-व्यस्
संवाद सहयोगी, बड़ौत (बागपत): क्षेत्र में तेज हवा के झोकों के साथ आई बारिश से जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया। जगह-जगह जलभराव से लोगों को आवागमन में परेशानी उठानी पड़ी। खेतों में फसलें जलमग्न हो गई। गन्ना क्रय केंद्रों पर जलभराव होने से तौल बंद रही। ठंड के कारण दिन भर लोग अलाव जलाकर हाथ तापते रहे।
सोमवार रात्रि से हो रही बारिश मंगलवार सुबह और तेज हो गई। बारिश से शहर में तहसील गेट, बीएसएनएल कार्यालय, पीडब्ल्यूडी गेस्ट हाउस, दिल्ली बस स्टैंड, बिजरौल रोड पर भीषण जलभराव की स्थिति रही। दिल्ली-सहारनपुर रेलमार्ग पर बड़का, बावली, असारा में बनाए गए अंडरपासों में कई-कई फीट ऊंचाई तक पानी भर गया, जिससे किसानों को अपने खेतों में पहुंचने के लिए काफी मशक्कत करनी पड़ी। उधर, बारिश से किसानों के चेहरे खिल उठे। किसानों का कहना है कि यह बारिश किसानों के लिए एक वरदान साबित होगी। इससे फसलों को लाभ मिलेगा। लेकिन बारिश के साथ तेज हवा चलने से सरसों व गन्ना आदि फसलें लोटपोट हो गई, जो किसानों के लिए नुकसान का कारण बनेगी। किसानों ने बताया कि सरसों की जिस फसल में फलियां आ चुकी हैं, गिरने से उसकी पैदावार घटेगी। वहीं गन्ना क्रय केंद्रों पर जलभराव होने के कारण तौल बंद रही। गन्ना किसानों के खेतों में ही छिला पड़ा हुआ है। गेहूं की छोटी फसल का अधिक पानी भरने से भी नुकसान होगा। इसके अलावा रास्तों, मुख्य मार्गों के किनारे एवं गांव की गलियों में जगह-जगह जल भराव की स्थिति बनी रही। उधर, छपरौली क्षेत्र में बारिश से कई गांवों में जलभराव की स्थिति पैदा हो गई। चिकित्सकों के अनुसार तापमान में गिरावट आने से सर्दी, जुकाम, खांसी के मरीजों की संख्या एकदम बढ़ गई है। सर्दी के कारण लोग शाम को घरों से बाहर निकलने से भी परहेज करते देखे गए। दोपहर दो बजे के बाद एकदम से तेज हवाएं चलने से ठिठुरन में इजाफा हुआ।