एसडीएम समेत 66 पर मुकदमे को अदालत में अर्जी
कस्बा बड़ौत का बाजार खुलवाने की घोषणा पर पूर्व मंत्री चौधरी साहब सिंह को मकान में हाउस अरेस्ट कर दिया था।
बागपत, जेएनएन। कस्बा बड़ौत का बाजार खुलवाने की घोषणा पर पूर्व मंत्री चौधरी साहब सिंह को मकान में नजरबंद करने और उनके खिलाफ मुकदमा दर्ज करने का मामला तूल पकड़ता जा रहा है। अब पूर्व मंत्री ने एसडीएम व सीओ समेत 66 पुलिस व प्रशासनिक अधिकारियों व कर्मचारियों के खिलाफ 156 (3) सीआरपीसी के तहत मुकदमा दर्ज कराने को अदालत में अर्जी लगाई है। कोर्ट ने प्रकीर्ण वाद दर्ज कर 29 जुलाई को बड़ौत कोतवाली प्रभारी को आख्या पेश करने का आदेश दिया है।
पूर्व मंत्री चौधरी साहब सिंह ने अधिवक्ता विजयपाल सिंह तोमर के माध्यम से सीजेएम कोर्ट में प्रार्थना पत्र दिया। प्रार्थना पत्र पत्र में पूर्व मंत्री ने बताया कि वह 28 जून की सुबह अपने मकान आवास विकास कालोनी में मौजूद थे। सुबह 7.30 बजे एसडीएम गुलशन कुमार, सीओ आलोक कुमार, तहसीलदार प्रदीप कुमार, बड़ौत थाना प्रभारी अजय कुमार, छपरौली थाना प्रभारी दिनेश कुमार चिकारा, औद्योगिक चौकी प्रभारी नसीम अहमद व अन्य 50 से ज्यादा पुलिसकर्मियों ने उनका मकान घेर लिया। उन्हें अधिकारियों के पास ले जाया गया। अधिकारियों ने उन पर पब्लिक को भड़काने का आरोप लगाया। उक्त लोगों ने धमकी दी और जबरन 100 लोगों के बीच करीब दो घंटे बंधक बनाकर रखा। कई गणमान्य लोगों ने उन्हें मुक्त कराया।
इस संबंध में पहले बड़ौत कोतवाली और फिर एसपी को शिकायत की गई, लेकिन उन्होंने कार्रवाई नहीं की। जिला बार एसोसिएशन के पूर्व अध्यक्ष एडवोकेट विजयपाल सिंह तोमर का कहना है कि अदालत ने सुनवाई करते हुए इस मामले में प्रकीर्ण वाद दर्ज कर बड़ौत कोतवाली प्रभारी को इस संबंध में आख्या पेश करने के लिए कहा है। इसके लिए 29 जुलाई को तिथि नियत की है।
बता दें खेकड़ा एसडीएम गुलशन कुमार पूर्व में कलक्ट्रेट प्रभारी रहे। 28 जून को कलक्ट्रेट से ही उन्हें बड़ौत भेजा गया था। उधर, बड़ौत कोतवाली प्रभारी अजय शर्मा का कहना है कि इस संबंध में उन्हें जानकारी नहीं है। अदालत के आदेश का पालन किया जाएगा। न्याय के लिए संघर्ष जारी रहेगा : साहब सिंह
पूर्व मंत्री चौधरी साहब सिंह ने पत्रकार वार्ता में बताया कि उन्होंने न तो धारा 144 का उल्लंघन किया और न ही उनकी कालोनी कंटेनमेंट जोन में थी। फिर भी उनके खिलाफ बड़ौत कोतवाली में मुकदमा दर्ज कराया गया, जो पूरी तरह से फर्जी है। उनकी शिकायत पर न तो अफसरों ने झूठा मुकदमा खत्म किया और न ही उनकी तहरीर पर पुलिस व प्रशासनिक अफसरों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया। उन्होंने कहा कि न्याय के लिए संघर्ष जारी रहेगा।