भ्रष्टाचार ! टुकड़ों में भुगतान, अधिकारी हैरान
ग्राम पंचायतों में दो लाख रुपये से ज्यादा लागत के कार्य कराने पर अधिकारियों से अनुमोदन लेना अनिवार्य है लेकिन कुछ पंचायत सचिवों ने इस नियम का तोड़ निकाल लिया है। कार्ययोजना को टुकड़ों में बांटकर भुगतान कर डाले। सीडीओ ने कार्ययोजना टुकड़ों में बांटकर भुगतान करने वाले पंचायत सचिवों को एफआइआर की चेतावनी दी।
बागपत, जेएनएन। ग्राम पंचायतों में दो लाख रुपये से ज्यादा लागत के कार्य कराने पर अधिकारियों से अनुमोदन लेना अनिवार्य है, लेकिन कुछ पंचायत सचिवों ने इस नियम का तोड़ निकाल लिया है। कार्ययोजना को टुकड़ों में बांटकर भुगतान कर डाले। सीडीओ ने कार्ययोजना टुकड़ों में बांटकर भुगतान करने वाले पंचायत सचिवों को एफआइआर की चेतावनी दी।
सीडीओ रंजीत सिंह ने जारी आदेश में कहा कि दो लाख रुपये तक के कार्य का अनुमोदन स्वयं ग्राम पंचायत करती है। दो लाख से ढाई लाख रुपये तक के कार्य का अनुमोदन एडीओ करते हैं। ढाई लाख से पांच लाख रुपये तक के कार्यों का अनुमोदन डीपीआरओ व पांच लाख रुपये से ज्यादा के काम अनुमोदन डीएम से लेने का नियम है। संज्ञान में आया कि पंचायत सचिव कार्ययोजना टुकड़ों में विभाजित कर स्वयं ग्राम पंचायत स्तर पर वित्तीय एवं प्रशासनिक स्वीकृतियां जारी कर रहे हैं, जो शासनादेश में दी गई व्यवस्था की अवहेलना है।
सीडीओ ने कहा कि संज्ञान में आया कि शासनादेश का विचलन कर अनावश्यक रूप से वाल पेंटिग और होर्डिंग लगवा रहे, जबकि यह कार्य शासन की प्राथमिकता में नहीं। नियमों को ताक पर रखकर कार्ययोजना को टुकड़ों में बांटकर कार्य कराने को गबन मानकर वसूली के साथ अनुशासनात्मक कार्रवाई और एफआइआर होगी।
-------- ऐसे होता है खेल
-बीडीओ बड़ौत ने छह जुलाई को डीपीआरओ को अवगत कराया था कि अगर किसी ग्राम पंचायत में पांच हाइ मास्क लाइट लगानी है तो 4.95 लाख रुपये खर्च होंगे, जिसका अनुमोदन अधिकारियों से लेना होगा। पर होता यह है कि पांच लाइटों की कार्ययोजना को 99 हजार रुपये की दर से पांच टुकड़ों में बांटकर पंचायत स्तर पर स्वयं वित्तीय तथा प्रशासनिक स्वीकृति देकर भुगतान करते हैं, जो अधिकारियों के अधिकारों पर अतिक्रमण है।