मेला नहीं लगने से छिना कई परिवार का रोजगार
कोरोना वायरस के कारण रावण का पुतला दहन कार्यक्रम रद होने से दर्जनों परिवारों का रोजगार प्रभावित रहा।
बागपत, जेएनएन। कोरोना वायरस के कारण रावण का पुतला दहन कार्यक्रम रद होने से दर्जनों परिवार को रोजगार छिन गया। इन परिवार को बड़ी आर्थिक चपत लगी।राजपाल, दीपक, नरेश आदि का कहना है कि प्रतिवर्ष दशहरा मेले में एक से दो हजार रुपये की दुकानदारी कम से कम होती थी। परंतु इस साल परिस्थितियों के कारण मेले का आयोजन नहीं होने से लाकर रखा गया सामान अब वर्ष भर के लिए स्टाक में रखा रहेगा। इसमें से कुछ खराब होगा जिससे आर्थिक हानि होगी। रामलीला में भी दर्शकों की सीमित संख्या होने के कारण दुकानें नहीं लग सकी। इस प्रकार दोहरी मार दुकानदारों पर पड़ी।
चुनौनी पूर्ण रहा रामलीला मंचन
डायरेक्टर उमेश शर्मा का कहना है कि इस बार रामलीला का संचालन बेहद चुनौतीपूर्ण रहा। सीमित समय में महत्वपूर्ण घटनाओं का मंचन करना संभव नहीं था। अत: घटनाओं का मूल्यांकन कर उनकी वरियता तय कर मंचन किया गया। यह काम थका देने वाला था। तय करना बड़ा मुश्किल था कि किस प्रकरण का मंचन किया जाए और किसे छोड़ा जाए। फिर भी यथा संभव राम जन्म, धनुष भंजन, वनगमन, दशरथ मरण, भरत मिलाप, सीता हरण, अशोक वाटिका ध्वंस तथा मेघनाथ वध से रावण वध तक सभी महत्वपूर्ण घटनाओं का मंचन करने का प्रयास किया।