योगी जी के लिए दिल से दुआ..
बेशक आपके लिए 51 हजार बड़ी राशि न हो लेकिन उनसे पूछिए जिन्हें बेटियों की शादी की चिता खाए जा रही थी।
बागपत, जेएनएन। बेशक आपके लिए 51 हजार बड़ी राशि न हो लेकिन उनसे पूछिए जिन्हें बेटियों की शादी की चिता खाए जा रही थी। मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना योजना से शाही अंदाज में बेटियों की डोली उठते ही हर बेबस चेहरा मारे खुशी के चहक उठा। बहन शमा परवीन की विदाई पर पांची निवासी उस्मान की खुशी छिपाए नहीं छिप रही थी। बोले कि अब्बू नौशाद 20 साल से बीमार हैं। कमाई का कोई जरिया नहीं। दो छोटे भाइयों समेत अम्मी-अब्बू यानी पूरे परिवार का भार उनके कंधों पर है। पैसों की तंगी से रात-दिन बहन की शादी की चिता सता रही थी लेकिन अब मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना से बहन का निकाह होने से जितनी खुशी है
वह शबदों में बयां नही करना मुश्किल है। सरकार की जितनी तारीफ करें कम हैं।
निनाना के कृष्णपाल सिंह बोले कि वह गरीब हैं। जो थोड़ी बहुत मजदूरी करते हैं उससे दो वक्त की रोटी का मुश्किल जुगाड़ होता है। ऊपर से जवान होती बेटी काजल की शादी को लेकर परेशान रहते, लेकिन अब पूरी शान-ओ शौकत से बेटी की डोली उठने से हम बेहद खुश है। बिलोचपुरा की विधवा फूलजहां तो छूटते ही बोली कि योगी जी के लिए दिल से दुआ निकलती है। बोलीं कि सपने में भी नहीं सोचा था कि हम गरीब की बेटी फरहीना की शादी इतनी धूम-धाम से होगी और कलक्टर साहब बिटियों को अपने हाथों से उपहार और आशीर्वाद देकर विदा करेंगी। बेटी का निकाह हो गया..इससे बड़ी और मदद क्या करती सरकार? वहीं
विधवा ओमवती भी आंखों से आंसू पौछते हुए बोलीं कि जिस शानदार ढंग से बेटी की शादी हुई उसे हम सात जन्म तक भी नहीं भूलेंगे।
अग्रवाल मंडी टटीरी के महावीर बोले कि हमारे जितने मेहमान आए उन सबको दावत खिलाने और बेटी को 35 हजार नकद तथा ढेर सारा सामान मिला है। इतना इंतजमा तो हम कर्ज लेकर भी नहीं कर पाते। इस सरकार ने हम जैसे गरीबों के लिए सोचा है। यह बानगी भर है वरना बेटियों की शादी को लेकर चिता में डूबे रहने वाले मां-बाप के झुर्रीदार चेहरे आज खिले और चहके-चहके दिखे, क्योंकि बेटियों की डोली उठने का फर्ज पूरा जो हो गया।