संतान की दीर्घायु की कामना मनाई अहोई अष्टमी
संतान के सौभाग्य और लंबी आयु के लिए अहोई अष्टमी पर्व सोमवार को परंपरागत ढंग से मनाया गया।
बागपत, जेएनएन। संतान के सौभाग्य और लंबी आयु के लिए अहोई अष्टमी पर्व सोमवार को परंपरागत ढंग से मनाया गया। व्रत रखने वाली माताओं ने मिट्टी के बर्तनों को धन-धान्य से भरकर घरों में स्थापित किया। महिलाओं ने मिट्टी की हंडिया को रोली व चावल से तिलक किया। इसके बाद मीठे पुओं और फलों से अहोई माता का पूजन किया। महिलाओं ने सामूहिक रूप से घरों में बैठकर अहोई माता की कथा सुनीं और अपने बड़ों से आशीर्वाद लिया। रात में तारे निकलने के बाद जल चढ़ाकर व्रत खोला।
पंचवटी मंदिर के पुजारी कुंदन भारद्वाज बताते हैं कि हिदू धर्म की मान्यताओं के अनुसार, करवाचौथ पर महिला अपने पति और अहोई पर अपने बच्चों के लिए व्रत रखकर उनकी दीर्घायु की कामना करती हैं। इस दिन माता मिट्टी के एक बर्तन में खील और दूसरे में पानी भरती है। इस दिन मिट्टी के बर्तनों का ही प्रयोग किया जाता है।