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17 गांवों में तबाही मचा रहा कैंसर

हिडन और कृष्णा नदी किनारे 17 गांवों में कैंसर तबाही मचा रहा है। इनमें 51 कैंसर मरीजों का मिलना सामान्य बात नहीं है। इन गांवों में मुंह पेट दिमाग लीवर छाती पित की थैली जीभ गर्भाश्य गुदा फेफड़े गुर्दे गला मूत्रालय थैली चमड़ी खून ग्रंथी तथा थायराइड कैंसर के मरीज हैं। यानी हर तरह का कैंसर कहर बरपाने में कसर नहीं छोड़ रहा है। यदि समय रहते ध्यान नहीं दिया गया तो फिर जान लेवा कैंसर की स्थिति बेकाबू हो सकती है।

By JagranEdited By: Published: Wed, 24 Apr 2019 11:01 PM (IST)Updated: Wed, 24 Apr 2019 11:01 PM (IST)
17 गांवों में तबाही मचा रहा कैंसर
17 गांवों में तबाही मचा रहा कैंसर

बागपत: हिडन और कृष्णा नदी किनारे 17 गांवों में कैंसर तबाही मचा रहा है। इनमें 51 कैंसर मरीजों का मिलना सामान्य बात नहीं है। इन गांवों में मुंह, पेट, दिमाग, लीवर, छाती, पित की थैली, जीभ, गर्भाशय, फेफड़ा, गुर्दा, गला, मूत्रालय थैली, चमड़ी, खून, ग्रंथी तथा थायराइड कैंसर के मरीज हैं। यानी हर तरह का कैंसर कहर बरपाने में कसर नहीं छोड़ रहा है। यदि समय रहते ध्यान नहीं दिया गया तो फिर जान लेवा कैंसर की स्थिति बेकाबू हो सकती है। जिला प्रशासन ने एनजीटी में जवाब दाखिल करने रिपोर्ट तैयार कर ली है। इस रिपोर्ट में आठ विभागों द्वारा हिडन और कृष्णा नदी के प्रदूषित पानी से प्रभावित गांवों में कराये गये काम का लेखा-जोखा दिया गया है। रिपोर्ट में कैंसर मरीजों का गांव वार ब्योरा दिया गया है।

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स्वास्थ्य विभाग ने अपनी रिपोर्ट में साफ कहा कि कैंसर का कारण प्रदूषित जल नहीं है। स्वास्थ्य विभाग ने कैंसर के मरीजों के बताने और इलाज के पर्चे दिखाने के आधार पर रिपोर्ट तैयार की। यानी स्वास्थ्य विभाग ने अपने स्तर से किसी मरीज की जांच नहीं कराई। फिर स्वास्थ्य विभाग किस आधार पर दावा कर रहा है कि कैंसर का कारण प्रदूषित जल नहीं है? साफ है कि स्वास्थ्य विभाग और प्रशासन के अफसरान को कैंसर के मरीजों को इलाज में मदद करने की नहीं बल्कि

यह साबित करने की ज्यादा चिता है कि यह साबित करने की है प्रदूषित पानी कैंसर का कारण नहीं है। गौरतलब है कि कई कैंसर मरीज गरीब हैं, जो किसी तरह प्राइवेट अस्पतालों में इलाज कराने को मजबूर हैं।

आठ अगस्त को एनजीटी ने आदेश दिया था कि बीमार लोगों का इलाज कराने का काम सरकार करेगी। गांव वार कैंसर मरीजों का ब्योरा

कंडेरा में चार मरीज, इब्रहीमपुर माजरा में दो, बूढ़पुर में दो, अशरफाबाद थल में एक, बालैनी में एक, मवीखुर्द में एक, पुरामहादेव में एक, गांगनौली में पांच कैंसर मरीज हैं। नांगल गांव की आबादी महज 1531 है लेकिन कैंसर मरीज चार हैं। टीकरी में पांच, गल्हैता में दो, मवीकलां में तीन, जिवाना में तीन, रंछाड़ में दो, बिनौली में चार, तमेलागढ़ी में चार और धनौरा टीकरी में पांच कैंसर मरीज मिले हैं। इन्होंने कहा.

हमारे यहां कैंसर इलाज की व्यवस्था नहीं। मरीजों का विभिन्न जगह उपचार चल रहा, जिसके आधार पर कैंसर मरीजों की सूची तैयार की गई। प्रदूषित पानी से किसी को कैंसर नहीं हुआ।

-डा. सुषमा चंद्रा-सीएमओ।


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