कैब के विरोध में मुस्लिमों ने निकाला शांति मार्च
नागरिक संशोधन बिल को लेकर बागपत में मुस्लिमों ने विरोध जताया। जमीयत उलेमा-ए-हिद के तत्वावधान में मुस्लिमों ने मस्जिदों में जुमा नमाज पढ़ने के बाद बाजुओं पर काली पट्ठी बांधकर हाथों में नागरिक संशोधन बिल विरोधी तख्ती लेकर शांति मार्च निकाला है। जमीयत उलेमा-ए-हिद के जिला सचिव हाफिज कासिम समेत तमाम वक्ताओं ने कहा कि नागरिक संशोधन बिल लोगों को मजहब के आधार पर बांटने का काम करेगा हम इसका पुरजोर विरोध करते हैं।
बागपत, जेएनएन। नागरिक संशोधन बिल को लेकर बागपत में मुस्लिमों ने विरोध जताया। जमीयत उलेमा-ए-हिद के तत्वावधान में मुस्लिमों ने मस्जिदों में जुमा की नमाज पढ़ने के बाद बाजुओं पर काली पट्ठी बांधकर हाथों में नागरिक संशोधन बिल विरोधी तख्ती लेकर शांति मार्च निकाला। जमीयत उलेमा-ए-हिद के जिला सचिव हाफिज कासिम समेत वक्ताओं ने कहा कि नागरिक संशोधन बिल लोगों को मजहब के आधार पर बांटने का काम करेगा। वे इसका पुरजोर विरोध करते हैं।
शुक्रवार को विभिन्न मस्जिदों में नमाज पढ़ने के बाद मुस्लिम समाज के लोग शांति मार्च के रूप में पुराना कस्बा के जामिया अनवारुल कुरान मदरसा में पहुंचे, जहां
पर वक्ताओं ने नागरिक संशोधन बिल पर विचार व्यक्त किए। उलेमाओं ने कहा कि नागरिक संशोधन बिल वापस लिया जाए। हिदुस्तान सेक्युलर देश है। लिहाजा हम सभी को मिल-जुलकर रहना है और भाईचारा मजबूत करना है।
नगर पालिका बागपत के चेयरमैन राजुद्दीन एडवोकेट ने कहा कि भारत हिदू-मुस्लिम समेत सभी धर्म तथा जाति के लोगों का है। नागरिक संशोधन बिल से भारत के मूल निवासी मुस्लिम को कोई खतरा नहीं है, लेकिन धर्म के आधार पर दूसरे देश के लोगों को नागरिकता देना गलत है। नागरिक संशोधन बिल में मुस्लिमों को शामिल किया जाए। एसडीएम पुलकित गर्ग ने उक्त मदरसे में पहुंचकर मुस्लिमों से ज्ञापन लिया। राष्ट्रपति के नाम संबोधित ज्ञापन में नागरिक संशोधन बिल वापस लेने की मांग की गई है। शहर काजी मौलाना हबीबुर्रहमान, मौलाना इकबाल, मौलाना शाजिद, मौलाना दिलशाद, मौलाना असरफ, मौलाना मुंसरिम तथा नाजिम तथा नवाब अहमद हमीद, डा. नईम अख्तर कासमी, मौलाना खुशमोहम्मद मौजूद रहे। वहीं मुस्लिमों के विरोध को देखते हुए पुलिस-प्रशासन चौकन्ना रहा। मरकजी मस्जिद के बाहर जुमा नमाज के वक्त पुलिस मुस्तैद रही।