रिश्वत का विरोध करने पर भाजपा नेता को पीटा, लेखपाल निलंबित
जाति प्रमाण पत्र के सत्यापन को मांगी गई एक हजार रुपये की रिश्वत का विरोध कर रहे थे।
बागपत, जेएनएन। जाति प्रमाण पत्र के सत्यापन को मांगी गई एक हजार रुपये की रिश्वत का विरोध करने पर बागपत तहसील में भाजपा के मंडलाध्यक्ष की पिटाई की गई और नायब तहसीलदार के आवास में बंधक बनाकर रखा गया। घटना के विरोध में भाजपाइयों ने एसडीएम कार्यालय पर हंगामा किया। घटना के करीब पांच घंटे बाद एडीएम ने लेखपाल को निलंबित किया। इसके बाद भाजपाई शांत हुए।
ग्राम निबाली निवासी एवं भाजपा के बागपत देहात मंडल अध्यक्ष ओमवीर धामा ने बताया कि वह गुरुवार सुबह दस बजे अपने परिचित की बेटी का जाति प्रमाण पत्र सत्यापन के लिए तहसील में लेखपाल सुरेंद्र सिंह के पास पहुंचे। आरोप है कि लेखपाल के बोलने पर एक युवक से बात की, तो उक्त युवक ने प्रमाण पत्र सत्यापन के लिए एक हजार रुपये की रिश्वत मांगी। परिचय देते हुए रिश्वत का विरोध किया तो आरोपित लेखपाल व तीन अन्य लोगों ने मिलकर उनके साथ गाली-गलौज कर मारपीट की तथा गला दबाया। इतना ही नहीं जबरदस्ती नायब तहसीलदार के कमरे में ले जाकर बंधक बनाकर पिटाई की और मोबाइल व 1900 रुपये जेब से निकाल लिए। उल्टा लेखपाल ने ही पुलिस को बुलाया। पुलिस उनको लेकर एसडीएम अनुभव सिंह के कार्यालय में पहुंची। वहीं घटना के विरोध में भाजपा के जिलाध्यक्ष सूरजपाल गुर्जर, बड़ौत नगर पालिका के चेयरमैन अमित राणा के नेतृत्व में पदाधिकारी व कार्यकर्ता एसडीएम कार्यालय पहुंच गए। उन्होंने मांग की कि लेखपाल को तत्काल निलंबित कर सभी आरोपितों के खिलाफ मुकदमा दर्ज हो। मामला बढ़ता देख एडीएम अमित कुमार सिंह ने जांच के बाद कार्रवाई की बात कही। इस पर भाजपाई भड़क गए और अफसरों से नोकझोंक हुई। भाजपा जिलाध्यक्ष ने अल्टीमेटम दिया कि जब तक लेखपाल निलंबित नहीं होगा, तब तक यहां से एक कार्यकर्ता भी नहीं हटेगा। साथ ही भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह और बागपत के प्रभारी मंत्री धर्मसिंह सैनी को फोन से घटना से अवगत कराया गया। करीब तीन बजे एडीएम ने लेखपाल को निलंबित किया। इसकी पुष्टि करते हुए एसडीएम अनुभव सिंह का कहना है कि मामले की जांच नायब तहसीलदार एवं प्रभारी तहसीलदार आदेश कुमार को सौंपी गई है। उधर लेखपाल सुरेंद्र सिंह का कहना है कि भाजपा नेता ने उनके साथ अभद्रता, गाली-गलौज कर हाथापाई की।