गन्ना बेसिक कोटा गायब, हजारों किसान हलकान
बागपत: चीनी मिलें चली नहीं, लेकिन नाकामी के कोल्हू में किसानों की पेराई शुरू हो गई। हजा
बागपत: चीनी मिलें चली नहीं, लेकिन नाकामी के कोल्हू में किसानों की पेराई शुरू हो गई। हजारों किसानों का रिकार्ड से गन्ने का बेसिक कोटा गायब है तो कहीं कम गन्ना आपूर्ति पर्ची का रोना है। गन्ना दफ्तरों और चीनी मिलों में किसान उमड़ रहे हैं, पर कोई सुनने को तैयार नहीं। कोई सुनता भी है तो बे मन से और रिकार्ड देखे बिना ही जवाब देते हैं कि चौधरी साहब! आपकी कोई कमी होगी। ..बाकी किसानों को बेसिक कोटा तो गायब नहीं हुआ। चीनी मिलें 31 अक्टूबर को चलेंगी, लेकिन क्रय केंद्रों का कहीं पता नहीं। आइए जानते हैं किसानों की जुबानी गन्ना समस्या की कहानी..
सहकारी गन्ना विकास समिति बागपत पर किसानों की भीड़ उमड़ी है। पूछने पर हजूराबादगढ़ी के राजपाल बोले कि गत साल 176 कुंतल गन्ना चीनी मिल को दिया, लेकिन अब उनका गन्ना बेसिक कोटा सिफर कर दिया। दो घंटे से लाइन में खड़ा हैं ताकि पता चले कि गन्ना बेसिक कोटा कहां गया? आठ बीघा खेत में खड़ा गन्ना कहां डालेंगे? कोल्हू पर तो आधा दाम भी नहीं हाथ नहीं आएगा। बीच में बात काटकर दूसरा किसान बोले कि वह लाला है। हजूराबादगढ़ी गांव के रहने वाले हैं। चीनी मिल और गन्ना कर्मियों ने उनका गन्ना आपूर्ति पर्ची कम कर दी है। गत साल 50 पर्ची थी लेकिन अब 38 कर दी। सुपरवाइजर को खेत पर खड़ा गन्ना दिखाया, फिर भी गन्ना आपूर्ति कम कर दी।
काठा के किसान प्रमेंद्र सवाल करने लगे कि आप क्यूं पूछ रहे हैं? जवाब सुन फिर बोले कि दैनिक जागरण तो किसानों का अखबार है। खूब छापिए।..पिछले साल हमने बागपत चीनी मिल को 350 कुंतल गन्ना दिया। हमारी गन्ना आपूर्ति सिफर कर दी। तीन घंटे से इधर-उधर चक्कर लगा रहे हैं, लेकिन कोई सुन नहीं रहा। डेढ़ घंटे से लाइन में लगे हैं। चीनी मिल में गन्ना नहीं गया तो खेती की लागत नहीं निकलेगी। कर्जमंद हो जाएंगे।
लाइन में खड़े काठा के हरबीर ¨सह और सहदेव बोले कि कर्मचारी जानबूझकर किसानों को संकट में डाल रहे हैं। किसान परेशान नहीं होगे तो उनकी पूछ कैसे होगी? उनकी बात पूरी होती कि लाइन में खड़ा एक और किसान कहने लगा कि वह गाधी गांव का जयपाल ¨सह है। गत साल 65 गन्ना आपूर्ति पर्ची थी, लेकिन अब एक भी नहीं।..ऐसा अन्याय तो नहीं होना चाहिए किसानों से..
-------
दस हजार किसानों को झटका
दो चार नहीं बल्कि जिले के दस हजार से ज्यादा किसानों का गन्ना बेसिक कोटा सिफर है। रिकार्ड में बेसिक कोटा ही दर्ज नहीं होगा तो फिर चीनी मिलों को गन्ना कैसे देंगे? ऐसे किसान अधिकारियों के पीछे और दफ्तरों में चक्कर लगाने को मजबूर हैं।
---
और नहीं लगे गन्ना क्रय केंद्र
सात जिलों की 14 चीनी मिले बागपत के 318 क्रय केंद्रों पर गन्ना खरीदेंगी। गन्ना विभाग के सूत्रों की मानें तो अभी तक 30 फीसद से ज्यादा गन्ना क्रय केंद्र स्थापित होने बाकी हैं। क्रय केंद्र चालू नहीं होंगे तो किसान अपना गन्ना कहां तुलवाएंगे?
---
इन्होंने कहा..
ऐसा नहीं है। जिन किसानों ने जमीन की फर्द नहीं दी उनका गन्ना बेसिक कोटा शून्य हो गया है। जमीन की फर्द देने पर गन्ना बांड चालू करा देंगे। 90 फीसद से ज्यादा गन्ना क्रय केंद्र लग चुके हैं।
-सुशील कुमार, डीसीओ।