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बास्केटबाल टूर्नामेंट में बनारस और गोरखपुर संयुक्त विजेता रहे

कोताना रोड स्थित चौधरी केहर सिंह दिव्य पब्लिक स्कूल में आयोजित चार दिवसीय प्रदेश स्तरीय टूर्नामेट का समापन हो गया।

By JagranEdited By: Published: Sun, 17 Oct 2021 09:22 PM (IST)Updated: Sun, 17 Oct 2021 09:22 PM (IST)
बास्केटबाल टूर्नामेंट में बनारस और गोरखपुर संयुक्त विजेता रहे
बास्केटबाल टूर्नामेंट में बनारस और गोरखपुर संयुक्त विजेता रहे

बागपत, जेएनएन। कोताना रोड स्थित चौधरी केहर सिंह दिव्य पब्लिक स्कूल में आयोजित चार दिवसीय प्रदेश स्तरीय द्वितीय प्रमेंद्र मेमोरियल बास्केटबाल टूर्नामेंट का रविवार को समापन हो गया। फाइनल मैच बनारस और गोरखपुर की टीम के बीच हुआ, जिसमें दोनों को संयुक्त विजेता घोषित किया।

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चौधरी केहर सिंह दिव्य पब्लिक स्कूल के मैदान पर आयोजित प्रमेंद्र मेमोरियल बास्केटबाल टूर्नामेंट के अंतिम दिन दो सेमी फाइनल मैच हुए। पहला मुकाबला बागपत और बनारस के बीच हुआ, जिसमें बनारस ने बागपत को 89-68 के अंतर से हराया। दूसरा सेमीफाइनल मुकाबला गोरखपुर और मेरठ के बीच हुआ, जिसमें गोरखपुर ने मेरठ की टीम को 59-37 अंतर से पराजित किया। फाइनल मैच बनारस और गोरखपुर के बीच हुआ। दोनों टीमों का मैच रोमांचक रहा। दोनों संयुक्त विजेता घोषित किया गया। इस दौरान सुभाष गुर्जर, अरूण तोमर ऊर्फ बोबी तोमर, सुधीर शर्मा, दीपक तोमर, रामनयन सिंह का डाक्टर मनीष तोमर ने स्वागत किया। इस दौरान मुख्य रेफरी वीरेंद्र व विक्रम सिंह के अलावा तहसीलदार प्रदीप कुमार, प्रदीप कुमार शर्मा, प्रोफेसर आरपीएस तोमर, भगवती देवी, डाक्टर गीताजली तोमर, नीलम तोमर, प्रदीप शर्मा, रामपाल सिंह, प्रधानाचार्य जेपी सिंह, अशोक, अमन, प्र्रेमपाल सिंह, हरेंद्र सिंह, नरेंद्र सिंह, अमर सिंह आदि मौजूद रहे। परमात्मा की प्राप्ति को होना चाहिए लक्ष्य : अतुल कृष्ण भारद्वाज

पुरा महादेव गांव स्थित परशुराम खेड़ा पर पर शुरू हुई सात दिवसीय श्रीमद् भागवत कथा के दूसरे दिन कथा वाचक अतुल कृष्ण भारद्वाज ने कहा कि जन्म और मृत्यु जीवन के दो दुख है। मनुष्य का जन्म दुख के साथ होता है और मृत्यु भी दुख के साथ ही होती है।

अतुल कृष्ण भारद्वाज ने कहा कि मनुष्य यह जानते हुए भी संसार में सुख और आनन्द की तलाश करते है। वास्तव में अपने जीवन का लक्ष्य कभी परमात्मा को बनाया ही नहीं। कथा श्रवण कर यदि मनुष्य आत्म चितन कर उस पर अमल करें तो जीवन का अर्थ ही बदल जाएगा। आज मनुष्य अपने लक्ष्यों से भटक गया है। अच्छी नौकरी, व्यवसाय करना ही जीवन का लक्ष्य नहीं है। परिवार का पालन यह सब उसके कर्म और कर्तव्य है, लेकिन उसका लक्ष्य नहीं हो सकता। उसका लक्ष्य परमात्मा की प्राप्ति का होना चाहिए। परमात्मा को हमेशा याद रखना चाहिए। इस दौरान महाराज सुरजमुनि स्वरूप, देवमुनि महाराज, पूर्व सपा जिलाध्यक्ष डा. एसपी यादव, शिवकुमार शर्मा, तेजपाल प्रधान, राधेश्याम शर्मा, राजपाल शर्मा, लख्मी चंद शर्मा, धर्मपाल शर्मा, सतपाल शर्मा, मंगल सेन शर्मा, आजाद चौधरी आदि मौजूद रहे।


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