Baghpat Flood Alert: पहाड़ों पर हुई बारिश से आत रात तक उफान पर आ सकती है यमुना, किनारों पर न जाएं ग्रामीण
रविवार रात एक बजे से सोमवार शाम छह बजे तक हथनीकुंड बैराज से यमुना नदी में कई बार पानी छोड़ा गया। कुल 297947 क्यूसेक पानी छोड़ा गया। सिंचाई विभाग के अधिकारियों का कहना है कि हथनीकुंड बैराज से सोमवार तड़के से दोपहर तक ज्यादा पानी छोड़ा गया।
बागपत, जागरण संवाददाता। पहाड़ों पर हुई बारिश से यमुना उफन सकती है। हथनीकुंड बैराज से नदी में 2,97,947 लाख क्यूसेक पानी छोड़ा गया है। मंगलवार रात तक पानी टांडा गांव के पास यमुना नदी में प्रवेश करेगा। प्रशासन ने बाढ़ चौकियों पर तैनात कर्मचारियों को अलर्ट कर दिया है। ग्रामीणों को नदी के किनारे न जाने की चेतावनी दी गई है।
रविवार रात एक बजे से सोमवार शाम छह बजे तक हथनीकुंड बैराज से यमुना नदी में कई बार पानी छोड़ा गया। कुल 2,97,947 क्यूसेक पानी छोड़ा गया। सिंचाई विभाग के अधिकारियों का कहना है कि हथनीकुंड बैराज से सोमवार तड़के से दोपहर तक ज्यादा पानी छोड़ा गया, लेकिन शाम को पानी कम छोड़ा जाने लगा।
17 घंटे में छोड़ा गया पानी
रविवार रात एक बजे 2,39,635, दो बजे 2,53,226, तीन बजे 2,67,273 क्यूसेक। सोमवार तड़के चार बजे 2,81,470, पांच बजे 2,95,912, छह बजे 2,95,912, सात बजे 2,97,947, आठ बजे 2,58,197, नौ बजे 2,39,635, 10 बजे 2,39,635, 11 बजे 2,30,652, दोपहर 12 बजे 2,21,786, एक बजे 2,13,908, दो बजे 2,04,410, तीन बजे 2,04,410, शाम चार बजे 1,96,156, पांच बजे तथा 1,95,906 छह बजे 1,47,544 क्यूसेक पानी हथनीकुंड बैराज से यमुना नदी में छोड़ा गया है।
नदी किनारे न जाएं लोग... खतरा है
बाढ़ से निपटने के लिए यमुना नदी किनारे स्थित गांवों, कस्बों एवं नगरों में बाढ़ चौकियां हैं। सिंचाई विभाग के सहायक अभियंता नरेंद्र सिंह ने बताया कि प्रत्येक घंटे पानी नदी में छोड़ा जा रहा है। इससे पानी बहकर निकल जाएगा। बाढ़ चौकियों पर तैनात कर्मचारियों से कहा गया है कि वो नदी किनारे स्थित गांवों एवं कस्बों से संपर्क में रहते हुए लोगों को नदी से दूर रखें।
जागौस में हुआ था कटान
एक माह पहले यमुना नदी में 12 घंटे के दौरान लगभग 32 लाख क्यूसेक पानी छोड़ा गया था, जिसने जागौस में कई एकड़ भूमि का कटान किया। फसल को भी नुकसान हुआ। जागौस के कपिल शर्मा, मोनू, सौरोज, मनवीर आदि किसानों का कहना है कि एक माह पहले यमुना नदी में आए पानी से उनकी कृषि भूमि कट गई थी।