गेहूं खरीद धड़ाम होने के बाद क्रय केंद्रों के उखड़े तंबू
जिला खाद्य विपणन अधिकारी ने खाद्य आपूर्ति आयुक्त को गेहूं खरीद की रिपोर्ट भेजी दी है।
गेहूं खरीद धड़ाम होने के बाद क्रय केंद्रों के उखड़े तंबू
बागपत, जेएनएन। गेहूं खरीद संपन्न होने के बाद अब क्रय केंद्रों के तंबू उखड़ गए हैं। बागपत में 370.250 मीट्रिक टन गेहूं खरीदा गया, जो लक्ष्य का मात्र 2.31 प्रतिशत है। किसानों को बाजार में ज्यादा दाम मिलने से सरकारी केंद्र तीन माह तक
सूने पड़े रहे। अधिकारियों ने शासन को गेहूं खरीद का ब्योरा भेज दिया है।
बता दें कि एक अप्रैल से 30 जून तक गेहूं खरीद की गई। बागपत में 91 दिन तक 20 क्रय केंद्रों पर गेहूं नहीं आने से सन्नाटा छाया रहा। चार क्रय केंद्रों पर तो महज एक-एक किसान ने ही गेहूं बेचा। यदि ये चार किसान नहीं आते तो चार क्रय केंद्रों पर गेहूं खरीद का खाता तक नहीं खुलता।
जिले में सवा लाख किसानों में मात्र 133 ने 370.250 मीट्रिक टन गेहूं ही केंद्रों पर बेचा। शासन से 16 हजार मीट्रिक टन खरीद का लक्ष्य मिला था। जिसे पूरा करने में 97.69 प्रतिशत पीछे रह गए। जिन 500 किसानों ने केंद्रों पर गेहूं बेचने को पंजीकरण कराया था। उनमें 367 किसान गेहूं लाए ही नहीं।
जिला खाद्य विपणन अधिकारी कौशल देव ने कहा कि बाजार में गेहूं का ज्यादा दाम होने से सरकारी खरीद का लक्ष्य पूरा नहीं कर पाए। शासन को गेहूं खरीद की अंतिम रिपोर्ट भेज दी गई है।
चालू साल का हाल
-2.64 लाख टन गेहूं उत्पादन अनुमानित
-2015 रुपये का न्यूनतम समर्थन मूल्य
-16000 टन सरकारी खरीद लक्ष्य मिला
-370.250 टन गेहूं केंद्रों पर खरीदा गया
पिछले साल का हाल
-2.53 लाख टन गेहूं उत्पादन हुआ था
-1975 रुपये न्यूनतम समर्थन मूल्य था
-गत साल खरीद का लक्ष्य तय नहीं था
-15475 टन गेहूं सरकारी खरीद हुई थी।