अब धुलेगा बागपत के माथे से डार्क जोन का कलंक
बागपत की धरती में वार्षिक 49 हजार 628 हेक्टेयर मीटर पानी उपलब्ध है।
अब धुलेगा बागपत के माथे से डार्क जोन का कलंक
बागपत, जेएनएन। बुंदेलखंड बनने की दहलीज पर पहुंचे बागपत को पानीदार बनाने की कवायद तेज हो गई। अब तालाबों तथा नालों से अवैध कब्जा हटाने को बुलडोजर चल रहे हैं। वहीं आम जन को पानी की बर्बादी रोकने एवं बूंदे सहेजने की शपथ दिलाई जा रही। पानी बचाने को सिंचाई का तरीका बदलने के लिए किसानों को जल प्रबंधन का पाठ पढ़ाया जा रहा है।
बागपत के माथे से डार्क जोन का कलंक धोने को प्रशासन ने सजल बागपत अभियान शुरू किया है। दो सप्ताह पहले डीएम राज कमल यादव के नेतृत्व में दो हजार लोगों का श्रमदान रंग लाया, क्योंकि बुढेडा से हिंडन तक 20 किमी लंबा 700 साल पुराना नाला वजूद में आ गया। इस नाले से दस गांवों के तालाब रिचार्ज होने लगेंगे। अब लूंब गांव का 12 किमी लंबा नाला श्रमदान से बचाने का काम जल्द होगा।
हटने लगा तालाबों से अवैध कब्जा
बरवाला में तालाब को पाटकर अवैध ढंग से बनाई माफिया यशपाल तोमर की हवेली को बुलडोजर से ध्वस्त किया गया। पिलाना में मंडलायुक्त ने एक माह पूर्व तालाब से अतिक्रमण हटवाने का काम शुरू कराया। दस गांवों में तालाबों की खोदाई शुरू की गई।
गांवों में जल प्रबंधन का पाठ
-अटल भूजल योजना के तहत गांवों में पानी की बर्बादी रोकने, जल संचय करने, स्प्रिंकलर तथा ड्रिप सिस्टम से सिंचाई कर 60 प्रतिशत तक पानी बचाने की जानकारी दी जा रही। 38 गांवों में दो हजार लोगों को पानी बचाने की शपथ दिलाई जा चुकी है।
यह भी जानिए
बागपत में वार्षिक 49 हजार 628 हेक्टेयर मीटर पानी उपलब्ध हैं। इसमें से 48 हजार 748 हेक्टेयर मीटर पानी निकाल रहे हैं। भविष्य के लिए 326 हेक्टेयर मीटर पानी छोड़ रहे हैं।
बागपत में भूजल गिरावट का ब्योरा
ब्लाक वर्ष 2004 वर्ष 2022
बागपत 09.95 15.49
बड़ौत 11.36 17.34
बिनौली 19.35 26.78
छपरौली 11.04 15.28
खेकड़ा 11.23 20.98
पिलाना 10.13 21.95
( उक्त भूजल गिरावट मीटर में है )
इन्होंने कहा...
हमें सरकार के भरोसे नहीं रहना चाहिए। खुद आगे आकर पानी की बर्बादी रोकने तथा आने वाले मानसून में बूंदों को सहेजने की पहल करनी चाहिए।
-कृष्णपाल सिंह, पश्चिम उप्र जल बिरादरी के अध्यक्ष
बागपत को डार्क जोन से बाहर निकालने के लिए वर्ष जल सहेजने को तालाबों तथा नालों का वजूद बचाने का काम चल रहा है। तालाबों की खोदाई कराकर अमृत सरोवर के रूप में विकसित कराएंगे।
-राज कमल यादव-डीएम