भाजपाई हुए दूर..रालोदी हुए अपने
पुलिस की दबिश के बाद आरएसएस के खंड संचालक श्रीनिवास के बेटे अक्षय की आत्महत्या के बाद रालोद कार्यकर्ताओं ने रंछाड गांव में जाकर पूरी तरह पुलिस के खिलाफ कमान थाम ली।
बागपत, जेएनएन। पुलिस की दबिश के बाद आरएसएस के खंड संचालक श्रीनिवास के बेटे अक्षय की आत्महत्या के बाद रालोद कार्यकर्ताओं ने रंछाड गांव में जाकर पूरी तरह पुलिस के खिलाफ कमान थाम ली। रालोद पदाधिकारी ग्रामीणों के साथ पूरी रात आरोपित पुलिस कर्मियों पर कार्रवाई की मांग और पीड़ित परिवार को न्याय दिलाने की आवाज उठाते रहे, लेकिन रात में भाजपा का कोई प्रमुख चेहरा वहां नहीं पहुंचा।
रविवार को पुलिस ने अक्षय के घर तोड़फोड़ में कसर नहीं छोड़ी थी। पुलिस कार्रवाई से आहत अक्षय ने आत्महत्या कर ली। जैसे ही अक्षय का शव जंगल में मिला वैसे ही रंछाड़ के ग्रामीणों ने हंगामा खड़ा कर दिया। भनक लगते ही रात को ही पूर्व विधायक समेत रालोद के दर्जनों कार्यकर्ता और नेता रंछाड पहुंचे और मजबूती से पुलिस के खिलाफ मोर्चा खोल दिया। कई थानों की पुलिस गांव में मौजूद थी लेकिन रालोद पदाधिकारियों की सेहत पर रत्तीभर असर नहीं पड़ा।
ग्रामीणों और रालोद कार्यकर्ताओं के सोमवार की सुबह तक तगड़ा विरोध करने से पुलिस बैकफुट पर रही। वहीं भाजपा के किसी नेता ने रात को रंछाड गांव जाने की जरूरत नहीं समझी। भाजपा के कई नेता तो रंछाड गांव के पास वाले गांव में रहते हैं, लेकिन इनमें एक नेताजी को तो सुबह तक यही नहीं पता था कि पुलिस कार्रवाई से तंग आकर अक्षय ने आत्महत्या की। यदि रात को ग्रामीण और रालोद नेता मोर्चा नहीं संभालते तो शायद न पुलिस वाले लाइन हाजिर होते और न उनके खिलाफ मुकदमा दर्ज होता। मुख्यमंत्री तक पहुंची आरएसएस के परिवार की पीड़ा
बागपत: आरएसएस के खंड संघचालक के परिवार पर पुलिस कार्रवाई की गूंज मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ तक पहुंच गई है। शासन ने पूरे मामले की रिपोर्ट तलब की है।
भाजपा जिलाध्यक्ष सूरजपाल सिंह का कहना है कि बिनौली पुलिस ने आरएसएस के खंड संघचालक श्रीनिवास के घर सोमवार को अनुचित कार्रवाई की। एसपी अभिषेक सिंह ने 13 पुलिसवालों को लाइन हाजिर किया है। उक्त पुलिसकर्मियों को निलंबित कराया जाएगा। जिन पुलिसवालों पर मुकदमा दर्ज हुआ है, उनको गिरफ्तार कर जेल भेजा जाए। इस घटना के संबंध में मेरठ एडीजी राजीव संभरवाल, आइजी प्रवीण कुमार, बागपत डीएम राजकमल यादव और एसपी अभिषेक सिंह से बात की गई है। पूरे मामले से मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को काल कर अवगत कराया गया है। मुख्यमंत्री ने मामले की जांच कराने का आश्वासन दिया है।
दागी पुलिसकर्मी जाएंगे जनपद से बाहर
जिलाध्यक्ष का कहना है कि दागी पुलिसवालों को जनपद से बाहर कराया जाएगा। लंबे समय से जनपद में डटे पुलिसवालों की संपत्ति की जांच कराई जाएगी।
क्षतिग्रस्त सामान के भी मिलेंगे रुपये
जिलाध्यक्ष ने कहा कि पीड़ित परिवार को मुख्यमंत्री राहत कोष से पांच लाख रुपये की आर्थिक मदद की जाएगी। पुलिस द्वारा की गई तोड़फोड़ से क्षतिग्रस्त हुए सामान के भी रुपये दिए जाएंगे। डीएम राजकमल यादव ने कहा कि मुख्यमंत्री राहत कोष से पीड़ित परिवार को पांच लाख रुपये की आर्थिक मदद दी जाएगी।