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'वेदानुकूल आचरण से वैदिक संस्कृति की रक्षा संभव'

जासं,बागपत : शनिवार को बिनौली क्षेत्र के ग्राम आजमपुर मुलसम में सामवेद परायण यज्ञ के साथ आर्य स

By JagranEdited By: Published: Sat, 10 Nov 2018 11:10 PM (IST)Updated: Sat, 10 Nov 2018 11:10 PM (IST)
'वेदानुकूल आचरण से वैदिक संस्कृति की रक्षा संभव'
'वेदानुकूल आचरण से वैदिक संस्कृति की रक्षा संभव'

जासं,बागपत : शनिवार को बिनौली क्षेत्र के ग्राम आजमपुर मुलसम में सामवेद परायण यज्ञ के साथ आर्य समाज का वार्षिकोत्सव का शुभारंभ हुआ। गुरुकुल प्रभात आश्रम के ब्रह्मचारियों ने वेदपाठ किया। मुजफ्फरनगर से पधारे आचार्य गुरुदत्त आर्य ने कहा कि वेदानुकूल आचरण से ही देश की वैदिक संस्कृति की रक्षा संभव है। देश की वैदिक संस्कृति विश्व की मार्गदर्शक है। संस्कृति राष्ट्र की आत्मा होती है। महर्षि दयानंद ने 'वेदों की ओर लौटो' का नारा देकर समाज को सत्य ज्ञान, विज्ञान की राह दिखाई थी। शुकतीर्थ से आये स्वामी सत्यवेश ने कहा कि माता-पिता अपने सदाचरण से बच्चों में सद्गुणों का विकास और पवित्र संस्कार पैदा करें। योगाचार्य डॉ. ईश्वर ¨सह ने कहा कि जीवन को स्वस्थ और निरोगी रखना पहला कर्तव्य है। डॉ. करण भारद्वाज ने कहा कि यज्ञ संसार का सर्वश्रेष्ठ कर्म है। मास्टर कृष्णपाल, सत्यपाल ¨सह, ब्रह्मपाल, लोकेंद्र आदि द्वारा आर्य समाज की उत्कृष्ट सेवाओं के लिए आचार्य गुरुदत्त आर्य व स्वामी सत्यवेश का अभिनंदन किया गया। संचालन ब्रह्मचारी आर्य ने किया।

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