Accident In Baghpat: ईपीई पर क्यों हो रहे दर्दनाक हादसे? सच आया सामने
ईस्टर्न पेरीफेरल एक्सप्रेस-वे (ईपीई) पर न सुरक्षा के इंतजाम है और न ही व्यवस्था। सबकुछ रामभरोसे है। कोहरे में एक साथ 50 वाहन तक आपस में टकरा रहे लेकिन पुलिस और एक्सप्रेस-वे अथॉरिटी सबक लेने को तैयार नहीं। लापरवाही से हादसे होने की बात सामने आई है।
बागपत, जेएनएन। ईस्टर्न पेरीफेरल एक्सप्रेस-वे (ईपीई) पर न सुरक्षा के इंतजाम है और न ही व्यवस्था। सबकुछ रामभरोसे है। कोहरे में एक साथ 50 वाहन तक आपस में टकरा रहे लेकिन पुलिस और एक्सप्रेस-वे अथॉरिटी सबक लेने को तैयार नहीं। दावे बड़े-बड़े किए जाते है, लेकिन धरातल पर कुछ नजर नहीं हो रहा है। बागपत जिलाधिकारी शकुंतला गौतम ने बताया कि कोहरे में वाहन हादसे रोकने को ईपीई पर उचित व्यवस्था करने को हमनें राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण दिल्ली को पत्र लिखा है।
तो इस वजह से हो रहे हादसे
27 मई 2018 को ईपीई का लोकार्पण हुआ था। देश के सबसे तेज रफ्तार ईपीई पर ढाई साल बाद भी यात्रियों की आवश्यक सुविधाएं और सुरक्षा एवं कोहरे से बचाव के इंतजाम नहीं किए गए। न सुरक्षा है और न व्यवस्था। जगह-जगह सड़क टूटी हुई है। वाहनों की स्पीड पर कोई नियंत्रण नहीं है। स्पीड मापक यंत्र नहीं है। सीसीटीवी कैमरे तक नहीं लगे हैं। रिफ्लेक्टर टेप भी कम लगी हैं। ब्लैक स्पाट तक चिन्हित करने की जरुरत नहीं समझी। यही कारण है कि कोहरा पड़ते ही वाहन टकराने लगते हैं।
60 यात्री हुए थे घायल
इस बार 10 नवंबर 2020 की रात पहली बार कोहरा पड़ा तो खेकड़ा के पास डबल डेकर बस पलट गई है। गत एक जनवरी को कोहरा पड़ा तो 50 वाहन आपस में टकरा गए। करीब 60 यात्री घायल हुए। इसके बावजूद राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण तथा प्रशासन के अधिकारी गंभीर नहीं। स्थानीय पुलिस-प्रशासन के अधिकारी यह कहकर पल्ला झाड लेते हैं कि ईपीई हमारे अधिकार क्षेत्र में नहीं। इसकी व्यवस्था राष्ट्रीय राजमार्ग की। इसका खामियाजा आमजन को भुगतना पड़ रहा है।
जानिए अफसरों के दावों की हकीकत
एएसपी मनीष कुमार मिश्र ने दावा किया कि ईपीई पर हादसे रोकने को पुलिस गाड़ी का सायरन बजाकर और लाउडस्पीकर से चालकों को धीमी गति से वाहन चलाने को प्रेरित कर रहे हैं। टोल बूथ कर्मियों को अवगत कराया कि वाहन चालकों को सचेत करें तथा एक्सप्रेस अथॉरिटी को पत्र लिखा है। वहीं दैनिक जागरण की टीम ने ईपीई का हाल जाना तो न तो पुलिसकर्मी गाड़ी के सायरन बजाते दिखे और न लाउडस्पीकर से बोलते। टोलकर्मी वाहन चालकों को सचेत करते दिखाई नहीं दिए।
हादसे रोकने को है जरूरी
- वाहनों की स्पीड पर नियंत्रण हो
- ईपीई पर पीली लाइट लगे
- रोड पर वाहन खड़े न हो
- जर्जर सड़क की मरम्मत हो