700 करोड़ का गन्ना लेकर किसानों को थमाए 37 करोड़
चीनी मिलों का खेल देखिए..696 करोड़ रुपये गन्ना खरीद कर किसानों को थमाए महज 37 करोड़ रुपये। इससे किसानों में आक्रोश है।
जेएनएन बागपत: चीनी मिलों का खेल देखिए..696 करोड़ रुपये गन्ना खरीद कर किसानों को थमाए 37 करोड़। इसमें पिछली साल का 173 करोड़ रुपये बकाया भुगतान जोड़ दें, तो कुल 831 करोड़ रुपये का बकाया भुगतान बनता है। आर्थिक संकट में फंसे किसान समझ नहीं पा रहे कि बेहद जरूरी खर्च को पैसा कहां से लाएं..।
बागपत के 1.19 लाख किसानों से 12 चीनी मिलें 17 फरवरी तक 696.09 करोड़ रुपये कीमत का 2.17 करोड़ कुंतल गन्ना खरीद चुकी हैं। हैरान और चिताजनक बात है कि चीनी मिलों में ने 37.75 करोड़ रुपये भुगतान किसानों को किया जो 5.42 फीसदी है। आठ मिलों पर पिछली साल का 173.27 करोड़ रुपये गन्ना भुगतान बकाया है। दोनों वर्ष का कुल 831 करोड़ बकाया है। लटकी बेटियों की शादी
रूरपुरकलां के सुभाष नैन तथा निनाना के इंद्रपाल सिंह ने कहा कि गन्ना भुगतान नहीं मिलने से बेटे-बेटियों की शादी, बच्चों की स्कूल फीस, बीमारों का इलाज व गेहूं फसल में यूरिया डालने तथा घरों के चूल्हे जलाने को साहूकारों से पांच प्रतिशत प्रति माह ब्याज दर पर कर्ज लेने को मजबूर हैं किसान। इनका भुगतान सिफर
मोदीनगर, ऊन, ब्रजनाथपुर, भैसाना, किनौनी तथा मलकपुर चीनी मिलों ने नए पेराई सत्र में किसानों को फूटी कौड़ी गन्ना भुगतान नहीं किया है। बढ़ गया गन्ना क्षेत्रफल
बेशक तीन साल से गन्ना दाम नहीं बढ़ा हो और न चीनी मिलों से भुगतान समय से मिल रहा हो, लेकिन गन्ना खेती रकबा
कम होने के बजाय बढ़ा है। अब 74196 हेक्टेयर पर गन्ना खेती है। अच्छी बात है कि साल 2011-2012 में उत्पादन प्रति हेक्टेयर 662.20 था जो अब 853.52 कुंतल है। बैंकों ने खींचा हाथ
चीनी मिलों से गन्ना भुगतान नहीं मिलने के साथ बैंकों ने भी किसानों को कर्ज देने में हाथ पीछे खींच लिए हैं। 31 दिसंबर 2019 तक किसानों को कुल 1539 करोड़ रुपये कर्ज दिया था, लेकिन इस अवधि में चालू साल में 1359 करोड़ रुपये कर्ज दिया है।