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गंगा पूजन के साथ शुरू हो गया मिनी कुंभ

रुहेलखंड के मिनी कुंभ मेला ककोड़ा की गंगा पूजन के साथ औपचारिक शुरूआत हो गई।

By JagranEdited By: Published: Sat, 17 Nov 2018 09:00 AM (IST)Updated: Sat, 17 Nov 2018 09:00 AM (IST)
गंगा पूजन के साथ शुरू हो गया मिनी कुंभ
गंगा पूजन के साथ शुरू हो गया मिनी कुंभ

बदायूं : रुहेलखंड के मिनी कुंभ मेला ककोड़ा की गंगा पूजन के साथ औपचारिक शुरूआत हो गई। ककोड़ देवी मंदिर से झंडी पहुंची, जिला पंचायत अध्यक्ष मधु चंद्रा और डीएम दिनेश कुमार ¨सह ने हवन के बाद गंगा पूजन किया। इसके साथ ही गंगा की कटरी में जगमगाहट शुरू हो गई। साधु-संतों को डेरा जमने लगा है, गंगा मैया के जयकारे सुनाई पड़ने लगे हैं। गंगा मैया में स्नान के साथ दीप दान की प्रक्रिया भी शुरू हो गई है। मनोकामना पूर्ण होने के बाद यहां अनुष्ठान और बच्चों के मुंडन संस्कार भी शुरू हो गए हैं। गंगा तट पर श्रद्धालु अपने ईश और पूर्वजों के नाम की भगत बजवाकर लोकमंगल की कामना कर रहे हैं। जिला ही नहीं बरेली, शाहजहांपुर, पीलीभीत और कासगंज के गंगा भक्तों को जिस मिनी कुंभ का सालभर इंतजार रहता है वह घड़ी आ गई। तय कार्यक्रम के अनुसार जिला पंचायत के अपर मुख्य अधिकारी सीपी ¨सह राघव, अभियंता केपी वर्मा, मेला बाबू मनोज कुमार, जिला पंचायत के तमाम अधिकारी और सदस्य झंडी को मिनी कुंभ मेला ककोड़ा के गंगा तट लेकर पहुंचे। मेला ककोड़ा गंगा तट यज्ञ का आयोजन हुआ। पंडित मनोज शर्मा और उपाचार्य ओमपाल शंखधार ने वेदमंत्रोच्चारण कर यज्ञ संपन्न कराया। जिला पंचायत अध्यक्षा मधुचंद्रा, जिलाधिकारी दिनेश कुमार ¨सह, एसएसपी अशोक कुमार, जितेंद्र कुमार श्रीवास्तव मुख्य यजमान के रूप में रहे। अपर मुख्य अधिकारी सीपी ¨सह राघव, बीएसए आदि ने यज्ञ भगवान को गायत्री मंत्र की विशेष आहुतियां समर्पित कीं। विधि-विधान से पूजा-अर्चना हुई और गंगा जी की आराधना के साथ मेले की विधिवत शुरूआत हो गई। गंगा में तेज बहाव और कटान को देखते हुए अभी तक बल्लियां गाड़ कर रस्सी से बैरिके¨टग नहीं की गई। मुख्य गंगा तट को सुसज्जित नहीं किया गया है। मिट्टी डालकर मुख्य गंगा तट पर गहराई भी कम नहीं की गई। चेतावनी दी जा रही है कि गंगा स्नान करते समय श्रद्धालु सावधानी बरतें। गहराई का कोई संकेत चिह्न भी नहीं बनाया गया है। गंगा किनारे दो स्नानघर बनवा गए हैं ताकि महिलाओं को कोई दिक्कत न होने पाए। वीआईपी, प्रशासनिक अधिकारी वाले मुख्य मार्ग से इस बार गंगा तट की दूरी ज्यादा है। गंगा पूजन कार्यक्रम के बाद जिला पंचायत अध्यक्ष मधु चंद्रा ने कहा कि स्वच्छ शरीर में ही स्वस्थ मस्तिष्क का वास होता है। प्रत्येक व्यक्ति अपनी जिम्मेदारियों को पूर्ण निष्ठा के साथ निभाएं।

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मेले में होगी मूंछ प्रतियोगिता

डीएम ने मेले में मूंछ प्रतियोगिता का आयोजन रखा है। जिसका संयोजक सीओ को बनाया गया। मूंछ प्रतियोगिता में प्रथम स्थान पाने वाले को 5000, द्वितीय को 3000 और तीसरा स्थान पाने वाले को 2000 रुपये पुरस्कार प्रदान किया जाएगा। कुश्ती, बाडी शो, बॉली बॉल और गन्ना चूसों प्रतियोगिता

मेले की रौनक और श्रद्धालुओं के स्वस्थ मनोरंजक के लिए मेले में कुश्ती, बाडी शो और बॉल बॉल के साथ गन्ना चूसों प्रतियोगिता का 22 नवम्बर को मेले में आयोजन होगा। मुख्य मार्ग व्यवस्था को दुरूस्त

मेले में श्रद्धालुओं की सुविधा देने और जाम से बचने के लिए मार्ग व्यवस्था को दुरूस्त किया जाएगा। वाहनों के लिए बनेगी पार्किंग

मेले में बड़े वाहनों के लिए जोरी नगला के समीप खाली खेतों में पार्किंग की व्यवस्था की जाएगी। पुल के पास रेवदार रैंप बनाया जाएगा। मेले में कई स्थानों पर पार्किंग रहेगी। श्रद्धालु 10 पर्ची रुपये पर्ची लेकर दो पहिया वाहन खड़े कर सकेंगे। नेटवर्क टावर लगेंगे

मेला में श्रद्धालुओं के लिए बीएसएनएल और जीओं के टावर लगाए जाएंगे। जिससे मेले में अच्छे नेटवर्क मिलेगे। फिलहाल अभी मेले में नेटवर्क की स्थिति ठीक नहीं है। मेले में चलेगी निश्शुल्क बस

डीएम ने मेले में निश्शुल्क बस चलाने के निर्देश दिए। बुजुर्ग और बाहर से आए श्रद्धालुओं को एक मिनी बस चलेगी। जो मेले के रोडबेज मेला स्थल तक पहुंचाएगी। मेन रोड पर अतिरिक्त वाहनों को नहीं जाने दिया जाएगा। निर्धारित स्थान बनीं पार्किंग पर ही खड़े होंगे। मेले में बनेंगे और शौचालय

मेले में तीन सौ शौचालयों की व्यवस्था की गई थी। लाखों यात्रियों की सुविधा और मेले की स्वच्छता को देखते हुए कमोड, सादा सीट वाले 500 शौचालय बनेंगे। सभी शौचालयों को 10 या 20 के ग्रुप में बनाया जाएगा। चार पांच मोबाइल टालेट भी मेले के विभिन्न स्थानों पर लगाया जाएगा। सांस्कृतिक कार्यक्रम एक और बढ़ा

मेले में दूर दराज से आए श्रद्धालुओं और ग्रामीण क्षेत्रों से पहुंचे लोगों के लिए रात में कला मंच के माध्यम से उनका स्वस्थ मनोरंजक कराया जाता था। अब यह तीन दिन के जगह चार दिन 22 से 25 नवंबर तक चलेगा। मेले बनेगा रैन बसेरा

मेले में रूकने वाले श्रद्धालुओं के लिए मेले के चारों कोने पर रैन बसेरा लगेंगे। जिससे श्रद्धालु रैन बसेरों में रात गुजार सकें। गंगा घाट पर चैंज रूम

गंगा घाट पर महिलाओं के लिए स्नान घर तो पहले से भी बनते रहे हैं, लेकिन इस बार पुरुषों के लिए अलग से चेंज रूम भी बनाए जाएंगे। मेले में पॉलीथिन का उपयोग भी पूरी तरह से वर्जित किया गया है। मेले में नहीं लगेगा पशुओं का नखासा

किसान पहले मेले में पशुओं को लेकर आते थे। बैल, घोड़ा आदि अबकी बार यह नखासा नहीं लगेगा। अन्य बाजारों में 50 और मेले में दो बैलों पर 200 रुपये की वसूली का रखा गया है।

स्वच्छता अभियान की भी दिखेगी झलक

मेले में स्वच्दता अभियान की भी झलक दिखाई देगी। कला मंच से युवाओं की टीम द्वारा विभिन्न अभिनयों के माध्यम से मंचन कर स्वच्छता का संदेश दिया जाएगा। लोगों को घर से के साथ गांव को भी स्वच्छ रखने के लिए प्रेरित किया जाएगा। पूर्ति विभाग मुहैया कराएगा केरोसिन

मेले में स्टोव आदि लेकर पहुंचने वाले श्रद्धालुओं को पूर्ति विभाग की ओर से 28 रुपये लीटर मिट्टी का तेल मिलेगा। प्रत्येक व्यक्ति दो लीटर ही तेल मिलेगा। इसके लिए खरीदने वाले को राशन कार्ड या अन्य परिचय पत्र दिखाने की जरूरत नहीं है।

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