झोलाछापों के यहां छापा मार रही दिल्ली की फर्जी टीम
तमाम मौतों से जहां स्वास्थ्य महकमे से लेकर शासन तक हिला हुआ है। वहीं जिले में फर्जी टीमें घूम रही हैं।
बदायूं : जिले में बुखार के प्रकोप से हुई तमाम मौतों से जहां स्वास्थ्य महकमे से लेकर शासन तक हिला हुआ है। वहीं ठगों ने इसका फायदा उठाना शुरू कर दिया। एक टीम ने बुखार प्रभावित इलाकों के झोलाछापों के यहां छापेमारी शुरू कर दी है। टीम के सदस्य यहां से रोजाना हजारों रुपये बतौर रिश्वत लेकर चंपत हो रहे हैं। हालांकि अभी कोई तहरीर पुलिस को नहीं दी गई है।
बुखार पर काबू पाने के लिए जहां शासन से पिछले सप्ताह टीम आई थी। वहीं खुद डीजी हेल्थ डॉ. पदमाकर ¨सह ने भी यहां का स्थलीय मुआयना किया। दिल्ली से एक टीम भी यहां चार दिन पहले पहुंची है, जो मच्छरों को पकड़कर ले जा रही है। ताकि बुखार की वजह पर शोध करके उसे हमेशा के लिए खत्म किया जा सके। स्वास्थ्य विभाग की भी 40 से अधिक टीमें गांवों का भ्रमण कर मरीजों को दवाएं बांट रही हैं। इसी बीच एक नई टीम जिले में घूमने लगी। दिल्ली नंबर की गाड़ी से घूमकर यह तीन सदस्यीय टीम जगत, समरेर, सलारपुर समेत जिलेभर के बुखार से ग्रसित इलाकों में पहुंचकर दुकानें खोले बैठे झोलाछापों के यहां छापेमारी कर रही है। टीम में शामिल एक व्यक्ति खुद को जेडी स्तर का अधिकारी बताता है और अपना नाम डॉ. गोपाल बता रहा है। तीन सदस्यीय टीम झोलाछापों से उनके शैक्षिक दस्तावेज मांगती है। डिग्री में खामी भी निकाली जाती है और इसके बाद शुरू होता है लेनदेन का खेल। साथ ही शर्त न मानने पर तत्काल प्रभाव से संबंधित थाने में मुकदमा लिखाकर गिरफ्तारी करवाने की भी धमकी दे रहे हैं। झोलाछापों को यह कहकर उलझा रहे हैं कि लेनदेन से ही निपटारा संभव है। मुकदमा हुआ तो जेल तो जाओगे ही, साथ ही पुलिस से जमानत के बाद भी लेनदेन होगा। वापस लौटी शासन की टीम
बुखार के वायरस पर काबू पाने आई शासन की पांच सदस्यीय टीम सोमवार रात वापस लौट गई है। टीम में शामिल जेडी डॉ. विकास ¨सघल और मेडिकल आफिसर डॉ. अभिषेक मिश्रा ने जो प्रशिक्षण स्थानीय टीमों को दिया। उसी आधार पर आगे भी काम करने को कहा गया है। ताकि बुखार पर काबू कायम रखा जा सके। वहीं दिल्ली से आई टीम फिलहाल रुकी हुई है, हालांकि इस टीम के बुधवार को वापस लौटने की अटकलें हैं। वर्जन ::
एक फर्जी टीम के घूमने की सूचना तो मिली है यह टीम मेडिकल स्टोरों पर भी अवैध तरीके से छापेमारी कर रही है। फिलहाल हमारे स्तर से इस मामले में कोई तहरीर पुलिस को नहीं दी गई है। मेडिकल वाले खुद ही पकड़कर तहरीर दें तो यहां से भी लिखापढ़ी की जाएगी।
- डॉ. कौशल कुमार, एसीएमओ