राहगीरों पर असलहा तानकर चेकिंग, फिर फंसी बदायूं पुलिस (फोटो)
अजीब हरकतों को लेकर अक्सर चर्चा में रहने वाली बदायूं पुलिस ने फिर वही रवैया अपनाया
जागरण संवाददाता, बदायूं : अजीब हरकतों को लेकर अक्सर चर्चा में रहने वाली बदायूं पुलिस ने फिर वही रवैया अपनाया, जिसने पूरे प्रदेश में पुलिस की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े कर दिए थे। एक बार फिर चेकिंग के नाम पर राहगीरों पर असलहा तान दिए गए। तीन दिन पहले का यह मामला चर्चा में आया तो एसएसपी ने जांच बैठा दी। एसपी सिटी ने रविवार को प्रकरण में पूछताछ की है।
जिले में राहगीरों पर असलहा तानकर चेकिग की यह दूसरी घटना है। विगत जून माह में वजीरगंज थाना क्षेत्र की बगरैन चौकी पर तैनात रहे एसआइ राहुल सिसौदिया ने सिपाहियों के साथ पिस्टल व रायफल तानकर राहगीरों की चेकिंग ली थी। उस वक्त किसी ने इसका वीडियो बनाकर सोशल मीडिया पर वायरल किया था। प्रकरण ने इतना तूल पकड़ा था कि सूबेभर में पुलिस की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े हो गए थे। इसके बाद से शस्त्र दिखाकर चेकिग पर पूरी तरह पाबंदी लग गई थी। मगर शुक्रवार को मूसाझाग थाना पुलिस ने नई सड़क पर फिर वही रवैया अपनाया। एसओ ललित भाटी ने सिपाहियों के साथ सड़क से गुजरने वाले राहगीरों को असलहे दिखाकर रोका और उनकी तलाशी ली। इस घटना की फोटो सोशल मीडिया पर वायरल हो गई। मामला चर्चा में आया तो एसएसपी अशोक कुमार त्रिपाठी ने एसपी सिटी जितेंद्र श्रीवास्तव को जांच सौंप दी। रविवार को एसपी सिटी ने फोटो में दिख रहे पुलिसकर्मियों से पूछताछ की। यह है चेकिग का नियम
-चेकिग के वक्त पुलिस वर्दी में होनी चाहिए।
-नेम प्लेट पर नाम स्पष्ट लिखा होना चाहिए।
-संबंधित व्यक्ति को रोकते ही चेकिग की वजह बताई जाए।
-अलर्ट रहते हुए उसके सामान को देखा जाए।
-बैग समेत गठरी या अटैची आदि संबंधित व्यक्ति ही खोलेगा।
-वाहन चेकिग है तो लाइसेंस व वाहन के दस्तावेज वह व्यक्ति अपने हाथ में रखकर ही दिखाएगा। वर्जन
संदिग्ध लोगों के गुजरने की सूचना पर जामा तलाशी ली जा रही थी। सिपाहियों को अलर्ट रहने को कहा था, उनकी रायफल गलती से उठ गई थी। वाहन चेकिग नहीं की जा रही थी।
-ललित भाटी, एसओ मूसाझाग आम आदमी की सुरक्षा के लिए चेकिग अभियान चलाया जा रहा है। मामले की जांच की जा रही है। जांच में अगर पुलिसकर्मी दोषी निकलता है तो उनके खिलाफ कार्रवाई होगी। सभी थानेदारों को निर्देश दिए गए हैं कि कोई ऐसा काम न करें जिससे समाज में भय का वातावरण बनें।
-जितेंद्र श्रीवास्तव, एसपी सिटी
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