मौसम की मार ने बदल दिया किसानों के चेहरे का रंग
मौसम ने किसानों के चेहरों का रंग बदल दिया है। कोहरा न पड़ने व पाले की वजह से आलू किसान टेंशन मं हैं।
बिसौली : गर्म मौसम ने किसानों के चेहरों का रंग बदल दिया है। कोहरा न पड़ने और पाले के कारण आलू में घुमटा रोग लग गया है। आलू की मंदी की मार झेल चुका किसान अब मौसम की मार झेल रहा है।
पिछले तीन सालों ने किसान आलू की मंदी की मार झेल रहा है। चूंकि क्षेत्र में आलू बहुतायत में पैदा किया जाता है, इसलिए आलू के भाव पर ही किसान की आर्थिक स्थिति टिकी होती है। अभी किसान इस सदमे से उबर भी नहीं पाया है कि अब गर्म मौसम ने नींद उड़ा दी। इस जाड़े के मौसम में दो-चार दिन नही कोहरा पड़ा। हां, पाला ने जरूर ठंड महसूस करा दी। जहां एक ओर कोहरा गेहूं और आलू के लिए जीवनदायक होता है, वहीं पर पाला पड़ने के कारण आलू में घुमटा रोग लग रहा है। हाल ये है कि घुमटा रोग के कारण आलू की पैदावार कम होना तय है। इधर किसानों का यह कहना है कि कोहरा न पड़ने के कारण गेहूं का उत्पादन भी कम होगा। पिछले दिनों दो चार बूंदे जरूर पड़ी तो किसान के चेहरे पर प्रसन्नता की लकीर जरूर खिची, लेकिन बदरा भी खाली चले गए। अगर मौसम का यही मिजाज रहा तो गेहूं और आलू की पैदावार में भारी गिरावट आने के आसार हैं। क्या कहते हैं किसान
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- कोहरा न पड़ने के कारण गेहूं की पैदावार में भारी गिरावट आने के आसार हैं। इधर जाड़े के मौसम में बारिश न होना भी किसानों के लिए हानिकारक है।
सुधीर उपाध्याय। फोटो 13 बीडीएन - 68
- पाला पड़ने के कारण आलू की पैदावार प्रभावित होगी। पत्ता घूमना शुरू हो गया हैं कोहरा आलू की फसल को लाभकारी होता है।
प्रभाकर शर्मा। फोटो 13 बीडीएन - 69
- जाड़े के मौसम में कोहरा गेहूं और आलू की फसल को जीवन देता है। कोहरा न पड़ना और पाला गिरना, इससे फसल को दोहरा नुकसान है।
अमित शर्मा।