'काव्य मंच का दलाल' कहा तो कवि पर फेंका जूता, स्वतंत्रता दिवस की पूर्व संध्या पर हुए कार्यक्रम में हंगामा
स्वतंत्रता दिवस की पूर्व संध्या पर नगर पालिका सभागार में हुआ कवि सम्मेलन एवं मुशायरा विवाद में फंस गया। एक कवि ने छंद में जब पढ़ा आज काव्य मंच के दलाल पैदा हो गए तो युवक को गुस्सा आ गया।
बदायूं, जेएनएन : स्वतंत्रता दिवस की पूर्व संध्या पर नगर पालिका सभागार में हुआ कवि सम्मेलन एवं मुशायरा विवाद में फंस गया। एक कवि ने अपने छंद में जब पढ़ा 'आज काव्य मंच के दलाल पैदा हो गए' तो एक युवक को गुस्सा आ गया। उसने कवि पर जूता फेंक दिया। इसके बाद जमकर हंगामा हुआ। वरिष्ठ कवि व शायर बिना काव्यपाठ किए उठ गए और कार्यक्रम बीच में ही खत्म हो गया।
14 अगस्त की रात साढ़े नौ बजे कार्यक्रम शुरू हुआ। रात करीब पौने 12 बजे कवि कुलदीप अंगार काव्यपाठ के लिए माइक पर पहुंचे। छंद पढ़ा-
क्रौच्च वध का विलाप-ताप ना सहन हुआ
तब काव्य सर के मराल पैदा हो गये
शब्द-शब्द में धमाल अर्थ में लिये उछाल
व्यास-कालिदास के रंग भूषण, बिहारी, गंग
कबिरा के वंश में कमाल पैदा हो गये
कविता कला के काल चुटकुलों का ले जाल
आज काव्य मंच के दलाल पैदा हो गये।
इतना सुनते ही श्रोताओं के बीच बैठे युवक ने कवि पर जूता फेंक दिया। मंच पर भी हंगामा शुरू हो गया। मुख्य संयोजक अशोक खुराना, संयोजक डॉ.अक्षत अशेष, मंचासीन मुजाहिद नाज, अहमद अमजदी, अरविंद सिंह राठौर, मो.असरार अहमद समेत सभी कवि खड़े हो गए। कहा गया कि जूता संयोजक अशोक खुराना के पुत्र विवेक खुराना ने फेंका है। हालांकि अफरातफरी के बीच विवेक वहां से जा चुके थे और विवाद के कारण कार्यक्रम वहीं खत्म कर दिया गया।
इस संबंध में कवि कुलदीप अंगार ने कहा कि मैं सार्वजनिक रूप से कविता पढ़ रहा था, किसी का नाम नहीं लिया। किसी व्यक्ति के लिए नहीं, सम्यक रूप से यह बात कही। इसके बावजूद अशोक खुराना के पुत्र विवेक खुराना ने मुझपर जूता फेंका। अशोक खुराना ने मुझसे अभद्रता की। मेरा मन बहुत आहत है, मैं चाहता हूं कि पिता-पुत्र सार्वजनिक रूप से माफी-मागे, उन्हें माफ कर दूंगा।
कार्यक्रम के मुख्य संयोजक अशोक खुराना ने कहा कि कवि कुलदीप अंगार ने मंच पर बैठे सभी वरिष्ठ कवियों और शायरों को दलाल कहकर बेइज्जती की। उन्हें काव्यपाठ के लिए आमंत्रण नहीं ही भेजा गया था। दूसरे संयोजक डॉ.अक्षत अशेष उन्हें साथ लेकर आए थे। उन्होंने ही यह खेल कराया। कुलदीप अंगार ने मंच पर बैठे लोगों को दलाल कहकर गलत किया। मेरे पुत्र ने उन पर जूता फेंका, उसे ऐसा नहीं करना चाहिए, इसके लिए क्षमा प्रार्थी हूं।
वहीं कार्यक्रम के दूसरे संयोजक डॉ. अक्षत अशेष ने कहा कि स्वतंत्रता दिवस की पूर्व संध्या पर कवि-सम्मेलन व मुशायरे में हुई घटना निंदनीय है। संयोजक की हैसियत से मेरी ओर से कुलदीप अंगार को निमंत्रण भेजा गया था। कार्यक्रम के दौरान निंदनीय घटना हुई है।