दिल्ली की मंडी में बेच दिया गया सरकार का गेहूं
अलापुर में हुए गेहूं खरीद घोटाले में जांच टीम ने परतें उधेड़ीं तो चौंकाने वाला सच सामने आया है।
बदायूं : अलापुर में हुए गेहूं खरीद घोटाले में जांच टीम ने परतें उधेड़ीं तो चौंकाने वाला सच सामने आया। जो गेहूं जिले में खरीद का था, उसे सरकारी गोदामों में न पहुंचाकर दिल्ली की आजादपुर मंडी में बेच दिया गया। घोटालेबाजों ने माल तो बेचा ही, फर्जी ट्रक के नंबरों से सरकारी भाड़ा तक निकाल लिया। इस खेल में भले ही क्रय केंद्र प्रभारी को मोहरा बना जा रहा, जबकि गोदाम के का¨रदों से लेकर बड़े जिम्मेदार तक की भूमिका शक के दायरे में है।
जिले में यह पहला घोटाला नहीं है। अधिकारियों और सफेदपोशों की मिलीभगत से पहले भी गेहूं, धान, उड़द खरीद घोटाले हुए हैं। उड़द घोटाले की जांच तो शासन तक गूंज के बाद विजिलेंस कर है। वजीरगंज और बिल्सी में कई संदिग्धों और बीच की कड़ियों के बयान हुए। जांच की, लेकिन अब तक कार्रवाई किसी पर नहीं हुई। इसी बीच अब दातागंज के बाद अलापुर में गेहूं खरीद केंद्र में घोटाला प्रकाश में आ गया।
बाहर के ट्रकों को दिखाया ढुलाई में
करीब 34 लाख का घोटाला माना जा रहा है। सिस्टम से लेकर प्रशासन तक में खलबली मची है। पुलिस की जांच में पता चला है कि क्रय केंद्र पर की गई खरीद के बाद इकट्ठा खेप गोदाम में भेजी जानी थी। इसे दिल्ली की मंडी में ले जाकर बेचा गया। परिवहन के लिए जो ट्रकों के रजिस्ट्रेशन नंबर लगाए, वह फर्जी निकले। कई वाहन तो बदायूं के बाहर के रजिस्ट्रेशन के हैं।
वर्जन.
मामले की पहले विभागीय जांच कराई गई थी। इसके बाद सहकारिता विभाग ने अलापुर थाने में मुकदमा दर्ज कराया है। पुलिस की जांच चल रही है जो भी नाम सामने आएंगे तो उनके खिलाफ भी कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
महेंद्र सिंह, एडीएम वित्त एवं राजस्व